बलरामपुर में मां पाटेश्वरी राजकीय विश्व विद्यालय बनाने की मांग हुई तेज
बलरामपुर। जनपद में मां पाटेश्वरी राजकीय विश्वविद्यालय बनाने जाने की मांग की तेज हो गई है लोग लगातार इसकी जनपद बलरामपुर में बनाए जाने की मांग कर रहे हैं वही मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना तुलसीपुर में कराए जाने की मांग को लेकर व्यापार मण्डल पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। पत्र में कहा है कि मां पाटेश्वरी मंदिर तुलसीपुर में स्थित होने व साक्षरता दर निचले पायदान पर होने से क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना कराया जाना नितांत आवश्यक है। इस अवसर पर राम जी आर्य, रूप चन्द्र गुप्ता, श्याम बिहारी अग्रहरि, विनय सेठी, ओम प्रकाश चौरसिया, रिज़वान, बबलू, सरदार मौजूद रहे।
पाटेश्वरी विश्व विद्यालय की स्थापना बलरामपुर में करने की मांग तेज होती जा रही है। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने विश्वविद्यालय स्थापना की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा। जिला मुख्यालय पर लोगों ने वीर विनय चौक से कलेक्ट्रेट तक शांति मार्च निकाला। कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। लोगों ने विश्वविद्यालय स्थापना के समर्थन में शांति मार्च निकाला। गैसड़ी विधायक डा. एसपी यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मां पाटेश्वरी राजकीय विश्व विद्यालय के निर्माण की घोषणा की थी जिससे जिलेवासियों में भारी उत्साह था लेकिन जब यह पता चला कि इसका निर्माण गोण्डा के परसपुर ब्लाक में स्थित ग्राम डोमाकल्पी में कराया जाएगा तो जिले वासियों में मातम छा गया है। समाज सेवी सर्वेश सिंह ने कहा कि जमीन के नाम पर विश्व विद्यालय को यहां से जाने नहीं दिया जाएगा। प्रशासन जमीन चिन्हित करे। उसकी जो भी लागत आएगी उसे बलरामपुर की जनता अपने पास से अदा करेगी। इस मौके पर पूर्व विधायक राम सागर अकेला, अनवर महमूद, शाबान अली, डा. भानू तिवारी, इकबाल जावेद फ्लावर, ओंकार नाथ पटेल, दीपांकर सिंह, आरिफ उत्साही, पंकज गुप्ता, सुजीत शर्मा, रवि गुप्ता, कौशलेन्द्र तिवारी गुड्डू सहित अलग अलग संगठनों के लोग भारी संख्या में मौजूद रहे।
वही मां पाटेश्वरी विश्व विद्यालय खोलने की प्रशासनिक कवायद तेज हो गई है। जिसमें उतरौला व तुलसीपुर तहसील में जमीन चिन्हित की गई है। इस पर जानकारी देते हुए एडीएम प्रदीप कुमार ने बताया कि तुलसीपुर तहसील के ग्राम पंचायत साहेबनगर में भूमि का चिन्हीकरण किया गया है। इसी तरह उतरौला के एक गांव में भूमि का चिन्हीकरण व पैमाइश कराया गया है और रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है।