बाराबंकी 24 फरवरी:- सतगुरू रविदास मध्यकाल के एक संत कवि थे इन्हें संत शिरोमणि सतगुरू की उपाधि दी गयी। आपने जांत पांत का घोर खंडन किया और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया।

 

आपकी वाणी भक्ति की सच्ची भावना, समाज के व्यापक हित की कामना तथा मानव प्रेम से ओत प्रोत थी, उनकी वाणी का इतना व्यापक प्रभाव पड़ता था कि लोग उनके श्रद्धालु बन जाते थे। मीराबाई उनकी भक्ति भावना से प्रभावित होकर उनकी शिष्या बन गयी। आज भी संत रविदास जी के उपदेश समाज के कल्याण और उत्थान के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व 53 लोकसभा बाराबंकी के इण्डिया गठबन्धन के संभावित प्रत्याशी तनुज पुनिया ने आज अपने ओबरी आवास पर सतगुरू रविदास की जयन्ती के अवसर पर उनके चित्र पर कांग्रेसजनों के साथ श्रद्धासुमन अर्पित करने के पश्चात् व्यक्त कियें।
प्रदेश कांग्रेस महासचिव तनुज पुनिया ने कहा कि रविदास जी का मूर्तिपूजा, तीर्थयात्रा जैसे दिखावे में बिल्कुल की विश्वास नही था वह व्यक्ति की आंतरिक भावनाओं और आपसी भाईचारे को ही सच्चा धर्म मानते थे। रविदास के चालीस पद सिखों के पवित्र धर्मग्रन्थ गुरू ग्रन्थ साहब में शामिल हैं। आज उनकी जयन्ती के दिन हम उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें दिल की गहराईयों से याद करके उनके दिखाये रास्ते और भाईचारा बनाये रखने का संकल्प लेते हैं।
संतगुरू रविदास की जयन्ती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष विजयपाल गौतम, रामहरख रावत, अजय रावत, नौमीलाल गौतम, के.सी.श्रीवास्तव, रामानुज यादव, अखिलेश वर्मा, आयुष वर्मा, अरशद अहमद, श्रीकांत मिश्रा सहित दर्जनो की संख्या में कांग्रेसजन थे।

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