बाराबंकी। तहसील फतेहपुर के ग्राम अलमापुर पोस्ट ददेरा टिकैतगंज में सात दिवसीय भागवत कथा का शुभारम्भ कुछ अलग तरीके से किया गया। क्षेत्र के सुप्रसिद्ध कथा व्यास परम पूज्य गुरुदेव श्री चंद्रशेखर जी महाराज( कथावाचक) के आगमन पर ग्राम वासियों द्वारा 3 किलोमीटर पहले टिकैतगंज में फूल माला व अंग वस्त्र प्रदान कर भव्य स्वागत किया।तमाम ग्रामीणों ने गुलदस्ता, घड़ी,पेन, डायरी आदि भेट किया। स्वागत के लिए पहले से ही कई कैमरा तैयारी में लगे हुऐ थे ड्रोन कैमरा आसमान में उड़ रहे थे गुरु जी को चार पहिया रथ पर बिठाकर गाजे बाजे के साथ कार्यक्रम स्तर पर लाया गया।
कथा का सुभारम्भ करते हुए कथा व्यास ने कहा कि यह सत्संग है। सत्संग में किसी कौम, मजहब या किसी व्यक्ति विशेष की निन्दा आलोचना नहीं की जाती। सत्संग में तो केवल नाम की महिमा का वर्णन होता है। हम इस दुनियां में आये तो आने का क्या रास्ता है? हम कौन हैं? कहां के हम रहने वाले हैं? और मरने के बाद हम कहां जायेंगे? हमारे परिवार वाले, रिश्ते, नातेदार कहां जायेंगे? हमने कभी नहीं सोचा। खाओ, पियो और मौज करो कि दुनियां में जीवन व्यर्थ में गँवाते चले जा रहे। जब कभी मौका मिला तो मन के मुताबिक पूजा पाठ करके संतुष्ट हो लिये। महात्मा समझाते हैं कि जब आप मां के गर्भ में थे तो वहां की तकलीफों में प्रभु से वादा किया था कि मुझे इस कष्ट से उबारो हम आपका भजन करेंगे। वे समझाते है कि प्रभु को पाने के लिये आपको साधु नहीं बनना। घर ग्रहस्थी नहीं छोड़ना। खेती दुकान दफ्तर का काम मेहनत ईमानदारी से करते हुये, अपने बाल-बच्चों की सेवा, आये गये का सत्कार करते हुये 24 घण्टे में घण्टा दो घण्टा समय निकाल कर भगवान का सच्चा भजन इस मनुष्य रूपी मन्दिर में कर लो जिसके लिये यह मानव तन मिलता है। लेकिन इसके लिये कलयुग की सरल साधना (भक्ति) करनी होगी।क्योकि गोस्वामी जी ने लिखा है कि कलयुग केवल नाम अधारा।सुमिरि सुमिरि नर उतरहि पारा।इस मौके पर राम सिंह,राम सजीवन,.सर्वेश उर्फ (मंत्री),लवकुश,जगजीवन,बिंद्रा प्रसाद,मुन्नालाल,सर्वेश कुमार यादव,रामचन्द्र,संजीत कुमार,चंद्रकेश,सोनेलाल,सुरजीत सहित सैकड़ो महिला पुरुष भागवत भक्त उपस्थित रहे।




