पटाखे फोड़ना और आतिशबाजी का काम माता-पिता की देखरेख में करें बच्चे : अनिल कुमार गुप्ता
भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को जीवित रखने के लिए सभी त्यौहार पूर्ण उल्लास एवं भाईचारे की भावना से मनाना चाहिए : मनीष कुमार सिंह
विद्यालय के डायरेक्टर सैफ अली ने भगवान गणेश व माता लक्ष्मी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया कार्यक्रम का शुभारंभ
उतरौला (बलरामपुर)
बीते शुक्रवार को टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल उतरौला में दीपोत्सव का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम से पूर्व सुबह प्रार्थना सभा में बच्चों को संबोधित करते हुए अध्यापक अनिल कुमार गुप्ता ने बच्चो को बताया कि दिवाली उत्सव क्यों मनाया जाता है और इसे किस प्रकार मनाया जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को इस अवसर पर माता पिता की देखरेख में पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी करने की सलाह दी। उन्होंने ने कहा कि शिक्षा विभाग के आदेशानुसार 11 तारीख से 15 तारीख तक दिवाली की छुट्टियां हो रही है, क्योंकि 12 तारीख को दिवाली का उत्सव है, इसलिए आज विद्यालय में अंतिम कार्य दिवस है हम सभी विद्यालय के अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राओं को आज विद्यालय में दीपोत्सव का पर्व मनाना है। भोजन अवकाश के बाद विद्यालय में दीपोत्सव कार्यक्रम का शुरुआत हुआ। सर्वप्रथम विद्यालय के डायरेक्टर सैफ अली ने भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के चित्र पर माल्यार्पण किया उसके बाद दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पूरे विद्यालय प्रांगण को दीपों की रोशनी से जगमगा दिया। दीपोत्सव पर्व को लेकर विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग करते हुए अपने अंदर छिपी प्रतिभा को दिखाया।इस अवसर पर शिक्षकों ने दीपोत्सव के पर्व का महत्व बताते हुए त्योहार को सौहार्दपूर्ण मनाने का आहवान करते हुए छात्र छात्राओं को बधाई दी।विद्यालय के प्रधानाचार्य मनीष कुमार सिंह ने विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं समस्त स्टाफ को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि हमें अपनी भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को जीवित रखने के लिए सभी त्यौहार पूर्ण उल्लास एवं भाईचारे की भावना से मनाना चाहिए। हमें सभी धर्मों, विचारों एवं मान्यताओं का सम्मान करते हुए जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए सौहार्दपूर्ण प्रयास करने चाहिए। दीपावली के त्यौहार पर हम अँधेरे से उजाले के लिए दीप जलाते हैं ऐसे ही अपने अज्ञान को दूर करने के लिए ज्ञान की खोज एवं अज्ञानता और रूढ़िवादिता को हटाने का प्रयास करना चाहिए। विद्यालय के डायरेक्टर सैफ अली ने इस अवसर पर दीपावली के महत्व को बताते हुए कहा कि भगवान श्रीराम जब लंका के राजा रावण का वध कर पत्नी माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो उस दिन पूरी अयोध्या नगरी दीपों से जगमगा रही थी। भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दिवाली मनाई गई थी। हर नगर हर गांव में दीपक जलाए गए थे। तब से दिवाली का यह पर्व अंधकार पर विजय का पर्व बन गया और हर वर्ष दिवाली का पर्व मनाया जाने लगा।