दस दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा नवम दिवस पर महर्षि गौतम की तपस्या, त्र्यंबकेश्वर की उत्पत्ति एवं गंगा अवतरण की अद्भुत कथा का भावपूर्ण रसपान।

अनवर अली संवाददाता हुसैनाबाद बाजार आर्दश उजाला जिला बलरामपुर
उतरौला (बलरामपुर)।
नगर के पावन धाम बाबा श्री दुःखहरण नाथ मंदिर प्रांगण में भोलेनाथ के परम पवित्र श्रावण मास में चल रही दस दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के नवम दिवस पर श्रद्धालुओं ने महर्षि गौतम की तपस्या, कपटी ऋषियों की चाल, गंगा अवतरण, तथा त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति जैसी दुर्लभ लीलाओं का भावपूर्ण श्रवण किया। कथा का वाचन कथाव्यास परम पूज्य पंडित श्री बृजलाल जी महाराज के सान्निध्य में हुआ, जिनकी ओजस्वी वाणी और दिव्य भावों से श्रद्धालुओं का मन भक्तिरस से सराबोर हो गया।
महर्षि गौतम की तपस्या और ईर्ष्यालु ऋषियों की चाल:-
कथाव्यास पंडित बृजलाल जी महाराज ने कहा कि त्र्यंबक क्षेत्र में गौतम ऋषि ने गहन तपस्या की, जिससे उनके आश्रम में वर्षभर हरियाली और जल की समृद्धि रही। अन्य ऋषियों को जब इससे ईर्ष्या हुई, तो उन्होंने षड्यंत्रपूर्वक एक मृत गौ को उनके आश्रम में गिराकर उन्हें पापी घोषित कर दिया। इस मिथ्या आरोप से व्यथित होकर गौतम ऋषि ने शिवजी की तप

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