बलरामपुर मे अनुमान 5-6 हजार ईरिक्शा वाले घरों के कम रीडिंग से ईमानदार विधुत उपभोक्ता हो रहे परेशन?
समीर संवाददाता आर्दश उजाला श्रीदत्तगंज बाजार जनपद बलरामपुर
ओवर लोडिंग के के दबाव से बार बार फाल्ट होना आम बात लो वोल्टेज से नगर वासी परेशान?
अगर राजस्व मे सेंध मारी नही है तो अधिक लोडिंग वाले एरिया का बिजली यूनिट और खपत का मिलान क्यों नही किया जा रहा?
जिसका जवाब विधुत विभाग के अधिकारिओं से मांगना जाना चाहिए?
सिर्फ नगर का =600 यूनिट का तकरीबन पांच हजार बिल बनता है इस हिसाब से 5हजार रिक्शा तकरीबन है 5000×5000=2500000 _ढाई करोड़ का हर माह राजस्व मे सेंध मारी की आशंका? सूत्र
सरकार को 20 रूपये टेक्स वसूली के बजाए विधुत विभाग का चूड़ी टाइट करना चाहिए जहाँ 5 से 6हजार का चुना पर ई रिक्शा लगया जा रहा?
इतनी गर्मी मे बलरामपुर के समस्त व नगरपालिका क्षेत्र लो वोल्टेज व अधिक लोडिंग के वजह से बार बार सप्लाई मे बाधा उत्पन्न हो रहा है?ये सब जानते हुऐ भी अधिकारी और मीटर रीडर पैसे बनाने मे लगे हुऐ है।वहीं sdo का नंबर चालू नही है, इससे पहले भी उनसे इस बारे मे शिकायत किया जा चुका है पर सब रफा दफा कर दिया जाता रहा है।
लोगों का तो यहां तक कहना है जिसके यहां कई ई रिक्शा और कई पंखे कूलर होने के बाद भी हमसे कम बिल निकाला जा रहा है, वहीं ईमानदार शिकायत वाले उपभोक्ता के यहां सिर्फ पंखा लगा हुआ है अधिक बिल बनता है।
अगर देखा जाए तो ईमानदार उपभोक्ता के साथ साथ सरकार के राजस्व मे भारी नुकसान पहुँचाया जा रहा है अगर इसपर निष्पक्ष और टीम गठित कर जाँच कराई जाए तो मीटर बिल निकालने वाले प्राइवेट कंपनी के साथ साथ अधिकारी भी लपेटे मे अयंगे। जो ओवर लोडिंग के साथ मीटर मे अधिक बैलेंस होने पर पीडी कर नया मीटर प्रेसित कर दिया जाने से सरकार के राजस्व मे करोड़ों का चुना लगाने का सूत्रों से ख़बर मिल रहा है।
अब आपको बता दें ई रिक्सा चार्ज वाले घर इनके आसान वसूली वाला घर होता जहाँ ये आसानी से कम बिलिंग कर पैसे उठाते है,ई रिक्शा की बैटरी बेचने वाले दुकानदार से जब ई रिक्शा की चार्जिंग के बारे मे पता किया गया तो उनका कहना था की रिक्शे मे चार पावर फूल बैटरी होती है इसका डेढ़ टन का लोड होता है जिसका एक बार मे फूल चार्जिंग करने पर 15-16 यूनिट चार्ज गिरता, वहीं पुराने बैटरी का इससे अधिक होता है, अब आपको बता दें ई रिक्शा रखने वाले लोग एक दिन मे एवरेज 2बार चार्ज करते है इस हिसाब से सिर्फ ई रिक्शा चार्जिंग से ही एक घर का रोज कमसे कम माना जाए तो 20 यूनिट ही मान लिया जाए तो महीने मे 600 यूनिट हो जाता है। बाकी लोड जैसे कूलर पंखा आदि छोड़ दो । अब अगर 5000 का बिल सिर्फ रिक्शा का ही मान लिया जाए तो बलरामपुर मे 5-6 हजार रिक्शे अनुमान से मौजूद है, अब किसी ऐसे घरों के एक से डेढ़ हजार ही बिलिंग करने से सोचें सरकार के राजस्व मे कितना नुकसान पहुँचाया जा रहा है?वहीं बात ऐ० सी० की की जाए तो ये सिर्फ एक टन का ही लोड लेता है। अब बलरामपुर के ईमानदार विधुत उपभोक्ता के सर पर चार पाँच हजार ए०सी से अधिक का लोड डाल दिया गया है,जबकि ए०सी ० कुछ ही घरों मे होता है।विधुत विभाग द्वारा ऐसे घरों मे कमर्शियल मीटर लगाना था पर इससे ऊपरी कमाई का स्रोत बंद होने की अधिक संभावना को देखते हुए अज्ञान बने हुए है।