अतिक्रमण और ई-रिक्शा बना कारणउतरौला, बलरामपुर: शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही

जनपदबलरामपुरकेउतरौला मेंजाम की समस्या गहराई,
जानमोहम्मद ब्योरो चीफ आर्दश उजाला जिला बलरामपुर।
अतिक्रमण और ई-रिक्शा बना कारणउतरौला, बलरामपुर: शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। मुख्य बाजार, प्रमुख मार्गों और स्कूलों के आसपास अतिक्रमण और ई-रिक्शा की बढ़ती संख्या ने यातायात को बाधित कर दिया है। इस समस्या के चलते नगर में स्थित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।अतिक्रमण बना सबसे बड़ा मुद्दा
शहर के प्रमुख बाजार और सड़कों पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण ने पैदल चलने वालों और वाहन चालकों दोनों के लिए समस्याएँ खड़ी कर दी हैं। सड़क के किनारे दुकानों और ठेलों ने वाहनों की आवाजाही को संकीर्ण कर दिया है, जिससे जाम की स्थिति और गंभीर हो गई है।ई-रिक्शा का अनियंत्रित संचालन
अतिक्रमण के साथ-साथ ई-रिक्शा की बेतरतीब पार्किंग और अनियंत्रित संचालन भी जाम की प्रमुख वजहों में से एक है। बिना किसी नियमन के ई-रिक्शा चालक सड़क के बीच में पार्क कर देते हैं, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो जाता है।छात्र-छात्राओं को हो रही परेशानी
नगर के कई प्रमुख विद्यालयों के आसपास जाम की स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक है। स्कूलों के समय पर जब छात्रों का आना-जाना होता है, तब जाम की समस्या और भी विकराल रूप धारण कर लेती है। नतीजतन, छात्रों और उनके अभिभावकों को समय पर विद्यालय पहुँचना एक चुनौती बन गया है। छात्राएं विशेष रूप से इस स्थिति में असुरक्षित महसूस करती हैं क्योंकि उन्हें भीड़भाड़ वाले इलाकों में पैदल चलना पड़ता है।प्रशासन से समाधान की उम्मीद
स्थानीय निवासियों ने कई बार प्रशासन से इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि नगर प्रशासन जल्द ही अतिक्रमण हटाने और ई-रिक्शा संचालन को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा ताकि जाम की समस्या से निजात मिल सके।समाधान की जरूरत
समस्या के समाधान के लिए नगर पालिका को अतिक्रमण हटाने के साथ ही ई-रिक्शा के लिए एक निर्धारित पार्किंग स्थान सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही, यातायात पुलिस को सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि नगर की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके और नागरिकों को इस असुविधा से राहत मिल सके।उतरौला के लोग अब इस समस्या का स्थायी समाधान चाहते हैं, ताकि शहर की सड़कें फिर से यातायात के लिए सुगम बन सकें और छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने में कोई बाधा न हो।

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