संवाददाता मोहम्मद इसराईल शाह
गैडास-बुजुर्ग उतरौला (बलरामपुर) बुधवार शाम उतरौला के मदरसा जामिया अली हसन अहले सुन्नत द्वारा उर्स ए ख्वाजा का आयोजन किया गया। इस दौरान अताए रसूल जामा मस्जिद में बाद नमाज ए मगरिब कुरआन खानी हुई ,और बाद नमाज ए ईशा हिंदल वली ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की शान में एक अजीमुश्शान प्रोग्राम आयोजित किया गया।
जिसमे जामिया के छात्र और शिक्षक शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत तिलावते कलामे पाक से हुई।
मदरसे छात्रों ने ख्वाजा गरीब नवाज की शान में मनकबत के असआर पेश किये। खूसूसी खतीब की हैसित से हजरत अल्लामा मौलाना ऐजाज रजा का पकीजा बयान हुआ। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज के करोड़ों चाहने वाले हैं। उन सभी की ख्वाहिश रहती है कि वह उर्स के मौके पर अजमेर आकर दरगाह में हाजरी लगाए, लेकिन यहां कहा जाता है कि इरादे रोज बनते हैं और टूट जाते हैं, अजमेर वही आते हैं जिन्हे ख्वाजा बुलाते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की करामात पर रोशनी डालते हुए हजरत मौलाना एजाज रज़ा हशमती ने बताया कि ख्वाजा के दरबार में न कोई छोटा न कोई बड़ा है। वहां उनके दरबार में सब एक बराबर हैं। कहा कि, हिंदुस्तान में इस्लाम फैलाने में गरीब नवाज का अहम योगदान रहा है। आपके साथ कई बुजुर्गानेदीन ने इस्लाम का प्रचार प्रसार किया। ख्वाजा का दर ऐसा दर है जहां से सभी की झोली भरी जाती है। कभी कोई मायूस नहीं लौटता। कहा कि औलिया ए किराम का अल्लाह के यहां बहुत बड़ा मर्तबा है। जो लोग बुजुर्गों के बताए रास्ते पर चलते हैं। अल्लाह उन्हें तमाम परेशानियों से बचाता है। कहा कि ए लोगों नमाज की पाबंदी करो। नमाज किसी हालत में माफ नहीं है। हमें ख्वाजा साहब की जिंदगी से सबक लेना चाहिए। उन्होंने सभी लोगों से ख्वाजा साहब के बताए रास्ते पर चलने की अपील की।
इस दौरान सलातो सलाम का नजराना भी पेश किया गया। मुल्क में अमन व शांति के लिए दुआ की गई।