8 वर्ष बीतने के बाद पुल का निर्माण कार्य अधूरा
उतरौला भाजपा विधायक रामप्रताप वर्मा ने सेतु निगम को पत्र लिखकर पुल निर्माण रोके जाने का पूछा कारण
बलरामपुर (सादुल्लाह नगर)। -: जनपद में तमाम ऐसे कार्य है जो आधे अधूरे चल रहे हैं वर्षों बीतने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है हालांकि अधिकारी इस पर लगातार निरीक्षण करते नजर आ रहे हैं और लापरवाही पर नोटिस भी देते नजर आ रहे हैं फिर भी आधे अधूरे कार्य जनपद में अभी भी दिखाई दे रहे हैं वही पड़ोसी जिलों से सुगम यातायात के लिए बनाया जा रहा पुल आठ वर्ष बीत जाने के बावजूद पूरा नहीं हो सका है। आसान राह की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। पुल निर्माण में पहले वन विभाग ने रोड़ा अटकाया और अब धन की कमी इसके आड़े आ रही है। आठ साल के बीच पुल निर्माण कार्य में मात्र पिलर ही खड़े हो सके हैं। अभी छत डालने का काम बाकी है। लोग लकड़ी पुल के सहारे आवागमन करने को विवश हैं। इस रास्ते से केवल दो पहिया वाहनों का ही आवागमन होता है। चार पहिया सहित भारी वाहनों का आवागमन बंद है। जनपद के सादुल्लाह नगर क्षेत्र में कुआनों नदी पर ग्राम पंचायत रामपुर ग्रिट में चोरघटा घाट पर सपा शासनकाल में पुल का निर्माण तीन दिसंबर 2014 को शुरू हुआ था और निर्माण की जिम्मेदारी सेतु निर्माण निगम को दी गई थी। लेकिन पुल के दो पिलर खड़े करने के बाद कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य रोक दिया। पुल निर्माण कार्य के समय पुल का एप्रोच मार्ग भी बनाया गया था। वही निर्माण कार्य के छह वर्ष बाद पुन 2021 में निर्माण कार्य शुरु हुआ जिसमें दो पिलर और खड़े कर दिए गए। लेकिन अब तक कार्य पूरा नहीं किया जा सका और आधा अधूरा बनकर हाथी का दांत दिखाई दे रहा है वही अब पुल के चारों पिलर खड़े उस पर छत पड़ने का इंतजार हो रहा है। वही पुल का निर्माण पूरा न होने से राहगीरों ने लकड़ी का जुगाडू़ पुल बनाया है, जिसके सहारे वे नदी पार करने को विवश हैं और लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वही राकेश तिवारी, देवानंद तिवारी, मनोज श्रीवास्तव, शेषमणि, अनिल कुमार, मुहम्मद जाफर, उस्मान आदि ने बताया कि पुल के बन जाने से बलरामपुर व सिद्धार्थनगर के लोगों का आवागमन सुगम हो जाएगा, दोनों जनपदों के गजपुर ग्रिट, इटईरामपुर, बढ़नी चाफा, मुहम्मदपुर, महुआ, रामपुर ग्रिट, बभनपुरवा, लालपुर भलुहिया, अचलपुर घाट, सलेमपुर सहित करीब 50 गांव को आवागमन में सहूलियत मिलेगी लेकिन निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण पूर्ण ना होने के कारण यह लोगों को सपना नजर आ रहा है और पिलर खड़े होकर शोभा बढ़ाते नजर आ रहे हैं। वहीं यदि निर्माण कार्य पूर्ण हो जाता है तो व्यापार आदि को बढ़ावा मिलेगा और पुल का निर्माण पूरा होने पर दो जिलों के परस्पर व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित होंगे, जिसका लाभ जिले वासियों को मिलेगा। वही जो उतरौला में बड़ी फल मंडी है और प्रयागराज, अयोध्या आदि जिलों से उतरौला में काफी फल आते हैं। साथ ही साथ उतरौला में लीची की पैदावार अधिक होती है। उतरौला के रास्ते सिद्धार्थनगर व गोरखपुर की दूरी कम हो जाती है। पुल निर्माण से सब्जी कारोबार को अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद है। उतरौला में गोरखपुर से सब्जियां आती हैं। पुल निर्माण होने पर दूरी कम हो जाएगी, जिससे सब्जी के मूल्यों में गिरावट आएगी। लोग सस्ते दामों पर सब्जी उपलब्ध हो सकेगी।
वही निर्माण ना होने के कारण यात्रियों को अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। चोरघटा घाट पर पुल न होने से लोगों को सिर्द्धाथनगर, डुमरियागंज समेत अन्य स्थानों पर जाने के लिए 25 से 50 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।वही राम नरेश का कहना है कि पुल निर्माण पूरा होने से क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी। लोगों को आवागमन के साथ-साथ व्यापार करने का मौका मिलेगा। शरीफ हसन ने बताया कि परियोजना अधूरी होने से दो जिलों के लोग परेशान हैं। आने-जाने में अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। नूर मोहम्मद, अतीक अहमद, राजू, तिलकराम आदि का कहना है कि पुल के निर्माण से बलरामपुर व सिद्धार्थनगर के गजपुर ग्रिंट, इटईरामपुर, बढ़नी चाफा, मुहम्मदपुर, महुआ, रामपुर ग्रिन्ट, बभनपुरवा, लालपुर भलुहिया, अचलपुर घाट व सलेमपुर सहित दर्जनों गांवों के लगभग एक लाख की आबादी को आवागमन में सुविधा होगी। दोनों जिलों के दर्जनों गांवों का विकास मे तेजी अएगी।
* वही इस पर बीजेपी विधायक उतरौला रामप्रताप वर्मा ने चोरघटा घाट पुल निर्माण रुकने का कारण जानने के लिए सेतु निगम को पत्र भेजा है और पुल पर आने वाली लागत आदि का ब्योरा निगम से पूछा है। वही राम प्रताप वर्मा, विधायक उतरौला का कहना है कि शासन में पैरवी करके पुल निर्माण शीघ्र ही शुरू कराया जाएगा।