जनपद में बिजलीकर्मियों ने काम बंद किया बैठे,हड़ताल पर
बिजलीकर्मियों के हड़ताल पर होने के कारण जिले की विद्युत आपूर्ति चल रही बाधित
बलरामपुर-: बलरामपुर के बिजली कर्मियों द्वारा हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए वही ऊर्जा मंत्री व बिजली संगठन के बीच वार्ता विफल होने पर कर्मियों का गुस्सा बढ़ गया है। गुरुवार को रात दस बजे के बाद बिजली कर्मियों ने तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर हैं। संगठन ने बिजली घरों पर तैनात कर्मियों को वापस बुलाकर आंदोलन में शामिल कर लिया है। और कई फीडरों पर लोकल फाल्ट के कारण बिजली गुल हुई लेकिन बिजली घर पर तैनात संविदा कर्मियों के सहयोग से आपूर्ति बहाल कर दी गई थी। 22 बिजली घर जिला प्रशासन की ओर से नामित नोडल अधिकारियों के हवाले कर दिए गए हैं। जिनके पास तकनीकी जानकारियों का अभाव है। गुरुवार को अधीक्षण अभियंता कार्यालय में संगठन ने कार्य बहिष्कार कर शीर्ष ऊर्जा प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी है। सांकेतिक हड़ताल शुरू होने से जिले में बिजली संकट गहरा हो गया है।15 मार्च से लेकर अब तक जनपद मुख्यालय पर बिजली का संकट काफी बना हुआ है बिजली लगातार गुल होती नजर आ रही है लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में 36 घंटे का कार्य बहिष्कार कर रखा था। उम्मीद थी कि सरकार उनकी मांगे मान लेगी। लेकिन गुरुवार दोपहर ऊर्जा मंत्री व बिजली संगठन के बीच हुई वार्ता विफल हो गई। सूचना मिलते ही अधीक्षण अभियंता कार्यालय में कार्य बहिष्कार कर रहे कर्मी आक्रोशित हो गए। उन्होंने शीर्ष ऊर्जा प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हड़ताल पर बैठ गए।
अवर अभियंता संघ के जिलाध्यक्ष के के तिवारी ने बताया कि सरकार अब कर्मचारियों का हित मारने में लगी है। और सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर कर्मचारियों का शोषण कर रही है। वही जानकारी देते हुए बताया कि तीन माह पूर्व ऊर्जा मंत्री ने संगठन की मांग को पूरा करने का लिखित आश्वासन दिया था लेकिन अब वह अपने वादों से मुकर रहे हैं।
बिजली कर्मियों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। संविदा कर्मी संघ के जिलाध्यक्ष सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि समान कार्य समान वेतन के नियम का पालन सरकार नहीं कर रही है। स्थाई बिजली कर्मियों की संख्या कम है। सारा काम संविदा कर्मी ही कर रहे हैं। फिर भी उनके हितों की अनदेखी हो रही है। वही आरपी सिंह बोले ने कहा कि बिजली विभाग में तमाम श्रमिक सेवा निवृत्त होने के कगार पर हैं। सरकार बुढ़ापे में उनके साथ धोखा देती नजर आ रही है । और कहा कि इस बार आर पार की लड़ाई होगी। वही मांगे न माने जाने पर शुक्रवार से सांकेतिक हड़ताल शुरू की गई है। वहीं बिजली कर्मियों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर बिजली कर्मी जेल भरो आंदोलन भी करेेंगे। और कहा कि बिजली का निजीकरण करके सरकार कर्मियों का शोषण करना चाहती है। कार्पोरेशन का तानाशाही रवैया नहीं चलने दिया जाएगा। इसके लिए हम लोग हड़ताल पर बैठ गए हैं और अब आर-पार की लड़ाई होगी।