आदर्श उजाला संवाददाता मोहम्मद इसराईल शाह (गैड़ास बुजुर्ग)
कपड़ा व्यवसाई फरहत रज़ा गुड्डू द्वारा राजा बाजार स्थित अपने प्रतिष्ठान पर रोजा इफ्तार का आयोजन कराया गया। जिसमें सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत कर रोजा इफ्तार किया। रोजा इफ्तारी से पहले सभी रोजेदारों ने अल्लाह तबारक व ताला के बारगाह में हाथ उठाकर मुल्क की अमनचैन के लिए दुआएं मांगी। मगरिब की अजान सुनकर सभी रोजेदारों ने एक साथ रोजा इफ्तार किया। फरहत रज़ा ने कहा कि इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग अपने रब की इबादत के लिए भूखे प्यासे रहकर रोजा रख रहे हैं। रमजान-उल-मुबारक का यह पाक महीना रहमतों व बरकतों से भरपूर है। जो शख्स रोजेदार को इफ्तार कराता है। अल्लाह तबारक व ताला उस शख्स को रोजेदार के बराबर सवाब अता फरमाता है। कहा कि रोजेदार को रोजा इफ्तार कराना सवाब है।
डॉ हाजी अफजाल ने कहा कि हदीस में है कि अगर कोई शख्स किसी के साथ इफ्तार में शामिल होता है, तो उसे भी उतना ही सवाब मिलता है। एक हदीस में आया है है कि “जिस शख्स ने किसी रोजेदार को भरपेट खाना खिलाया, अल्लाह पाक कयामत के दिन उसे ऐसा शरबत पिलाएगा कि उसे कभी प्यास नहीं लगेगी। डॉ नसीर रायनी ने इफ्तार कराने पर एक हदीस बयान करते हुए कहा कि एक सहाबी ने पैगम्बर मोहम्मद सल्ल. से पूछा कि “या रसूलल्लाह! अगर किसी शख्स के पास इतना माल या खाना न हो जिससे वह किसी को अच्छे से रोजा इफ्तार न करवा सके उस सूरत में क्या वह भी उतने ही सवाब का हकदार होगा? आप स0 ने फरमाया यह सवाब तो उसे भी मिलेगा जिसने एक खजूर या एक घूंट पानी से किसी रोजेदार को रोजा इफ्तार करवाया हो।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के इफ्तार आयोजन से आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। रोजा इफ्तार आयोजन कर्ता कपड़ा व्यवसाई फरहत रजा गुड्डू की तरफ से इरफान, राजा, सुल्तान, आसिफ, तौसीफ, राजा, बब्बू ,जेपी, आकिब, सफ्फू रोजेदारों की खिदमत में लग रहे। मोहम्मद फिरोज, मोहम्मद समी, अशफाक,
डॉ सलमान जमशेद, जमील अंसारी, असलम इदरीसी, मोहम्मद आजम राजू, अकरम, इकबाल, भोंदू समेत सैकड़ों रोजेदारों मौजूद रहे।