बच्चों को भाषा एवं गणित में दक्ष बनाने के लिए चार दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण का समापन हुआ

 

आदर्श उजाला संवाददाता मोहम्मद इसराईल शाह (गैड़ास बुजुर्ग)
उतरौला/बलरामपुर
बच्चों को भाषा एवं गणित में विशेष रूप से दक्ष बनाने के उद्देश्य से ब्लाक संसाधन केंद्र उतरौला पर आयोजित अंतिम चरण के सौ शिक्षकों का चार दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण का समापन शनिवार को हुआ। कक्ष संख्या एक में प्रशिक्षक के रूप में एआरपी विक्रम सिंह, कृष्ण कुमार एवं कक्ष संख्या 2 में प्रशिक्षक के रूप में एआरपी विजय कुमार यादव, अनवार अहमद द्वारा एफएलएन मिशन 2022 के तहत कक्षा कक्ष प्रक्रिया के दौरान प्राप्त अनुभव, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, फाऊंडेशनल स्टेज 2022, एकेडमिक वर्ष2023-24 की वार्षिक रणनीति को समझना, शिक्षक संदर्शिका की समग्र समझ, भाषा के चारों कलश एवं रणनीतियां, शिक्षण योजनाएं, आकलन एवं रेमेडियल, गणित शिक्षण का उपयुक्त दृष्टिकोण, वार्षिक योजना के लिए संसाधनों को जानना व समझना, स्वयं निर्मित और परिवेशिए सामग्री का उपयोग, अनुदेशात्मक कार्य की रणनीति, समेकन व आकलन, रिमेडियल व साप्ताहिक पुनरावृत्ति की रणनीति, साप्ताहिक शिक्षण योजना का समीकरण बहू कक्षीय शिक्षण योजना पर शिक्षकों को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
खंड शिक्षा अधिकारी सुनीता वर्मा ने कहा कि निपुण भारत अभियान के तहत प्राथमिक शिक्षा को और बेहतर बनाने, बच्चों में सीखने की क्षमता में वृद्धि आदि के लिए यह प्रशिक्षण शिक्षकों को दिया गया है।
अब तक सम्पन्न हो चुके आठ बैच में विभिन्न न्याय पंचायतों के कुल 346 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अंतिम चरण में विभिन्न विद्यालयों के 100 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य समग्र शिक्षा के तहत बच्चों में बुनियादी भाषा व गणित में कौशल विकास के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित कर कार्य कराना है। खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि बच्चों की शिक्षा को मजबूत करने, ज्यादा से ज्यादा बच्चों को विद्यालय से जोड़कर उनकी बुनियादी शिक्षा मजबूत करने के लिए शिक्षक कार्य करें। कहा कि बच्चों के साथ भावनात्मक लगाव रखने पर ही निपुण भारत लक्ष्य प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें। राष्ट्र निर्माण का दायित्व हम सभी शिक्षकों पर है।
प्रशिक्षण व्यवस्था में कार्यालय सहायक अमित श्रीवास्तव, संतोष, अमरनाथ, अतुल कुमार, निशा देवी का सराहनीय योगदान रहा।
मोहम्मद अयूब, बृजेंद्र कुमार, माजिद खातून, रश्मि जायसवाल, लक्ष्मी देवी, मुस्तफा रज़ा, खेसाल सिद्दीकी, मोहम्मद आसिफ, शिवप्रसाद, मोहम्मद आलमीन, बालक राम, अवधेश बघेल, रामधीरज सुमित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।

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