रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया।

आदर्श उजाला संवाददाता मोहम्मद इसराईल शाह (गैड़ास बुजुर्ग)
उतरौला/ बलरामपुर
समाजसेवी व शिक्षक हामिद अली चौधरी बड़कन द्वारा रमजान उल मुबारक के 11 वें रोजा शुक्रवार शाम को अपने निजी आवास पर रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। जिसमें दर्जनों रोजेदारों ने शिरकत कर रोजा इफ्तार किया। रोजा इफ्तारी से पहले रज़ा मस्जिद के कारी वसीम खान एवं कारी मोइनुद्दीन फारुकी ने सभी रोजेदारों के साथ अल्लाह तबारक व ताला के बारगाह में हाथ उठाकर मुल्क की अमनचैन के लिए दुआएं मांगी। मगरिब की अजान सुनकर सभी रोजेदारों ने एक साथ रोजा इफ्तार किया। कारी वसीम खान ने कहा कि इस्लाम धर्म के मानने वाले लोग अपने रब की इबादत के लिए 15 घंटे भूखे प्यासे रहकर रोजा रख रहे हैं। रमजान-उल-मुबारक का यह पाक महीना रहमतों व बरकतों से भरपूर है। जो शख्स रोजेदार को इफ्तार कराता है। अल्लाह तबारक व ताला उस शख्स को रोजेदार के बराबर सवाब अता फरमाता है। कारी मोइनुद्दीन फारुकी ने कहा कि रोजेदार को रोजा इफ्तार कराना सवाब है। हदीस में है कि अगर कोई शख्स किसी रोजेदार को इफ्तार कराएगा, उसके सारे गुनाह माफ कर दिए जाएंगे। अगर कोई शख्स किसी के साथ इफ्तार में शामिल होता है, तो उसे भी इतना ही सवाब मिलता है। एक हदीस में आया है है कि “जिस शख्स ने किसी रोजेदार को भरपेट खाना खिलाया, अल्लाह पाक कयामत के दिन उसे ऐसा शरबत पिलाएगा कि उसे कभी प्यास नहीं लगेगी।
इफ्तार कराने पर एक हदीस बयान करते हुए कहा कि एक सहाबी ने पैगम्बर मोहम्मद सल्ल. से पूछा कि “या रसूलल्लाह! अगर किसी शख्स के पास इतना माल या खाना न हो जिससे वह किसी को अच्छे से रोजा इफ्तार न करवा सके उस सूरत में क्या वह भी उतने ही सवाब का हकदार होगा? आप स0 ने फरमाया यह सवाब तो उसे भी मिलेगा जिसने एक घूंट पानी से किसी रोजेदार को रोजा इफ्तार करवाया हो।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के इफ्तार आयोजन से आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। रोजा इफ्तार आयोजन कर्ता समाजसेवी व शिक्षक हामिद अली चौधरी की तरफ से मलिक मंजूर अहमद, मलिक आफताब, शादाब, जीशान रोजेदारों की खिदमत में लग रहे।
डॉ इकबाल शाह, रिजवान शाह, नफीसुद्दीन पप्पू, राजू सिद्दीकी, शाहिद रज़ा, करम मोहम्मद, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद अयूब, सैफ शाह समेत दर्जनों रोजेदार मौजूद रहे।

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