आदर्श उजाला संवाददाता मोहम्मद इसराईल शाह (गैड़ास बुजुर्ग)
उतरौला/बलरमपुर
प्रदेश की पुरानी तहसीलों में शुमार होने के बाद भी उतरौला उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है। तहसील क्षेत्र में गिनी चुनी ही उच्च शिक्षण संस्था है। ऐसे में उतरौला क्षेत्र के सूफ़ी संत पीर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने अपने अनुयाइयों के सहयोग से उतरौला के चांद औलिया में एक उच्च शिक्षण संस्थान का निर्माण करवा रहे हैं। क्षेत्र वासियों का कहना है कि उच्च शिक्षण संस्थान की स्थापना कर शिक्षा का अलख जगाने का कार्य उन्होंने किया। जो क्षेत्र के लिए शिक्षा जगत में मील का पत्थर साबित होगा।
सूफी संत पीर जलालुद्दीन छांगुर बाबा ने कहा कि
इस डिग्री कालेज में जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। इस पिछड़े हुए क्षेत्र में उच्च शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास कर रहा हूं। कॉलेज संचालित हो जाने के बाद क्षेत्र के तमाम छात्र आसानी से उच्च शिक्षा प्राप्त कर नौकरी व अन्य रोजी-रोजगार से जुड़ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि उतरौला शिक्षा क्षेत्र में बहुत पिछड़ा है खास तौर पर उच्च शिक्षा की समुचित व्यवस्था नही है। बचपन से देखता आ रहा हूं कि शिक्षण संस्थान के अभाव में कई पीढ़ियां उच्च शिक्षा से आज भी वंचित रह जाते हैं। हमारा प्रयास है कि उच्च शिक्षा का स्तर सुधारने के लिये क्षेत्र में अच्छे शिक्षण संस्थान स्थापित हो सकें। क्षेत्र वासियों का कहना है कि अपने सामाजिक कार्यों के कारण लोगों में हमेशा चर्चा में रहने वाले सूफीसंत जलालुद्दीन छांगुर बाबा हमेशा हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतिक के नाम से जाने जाते हैं। सभी धर्म और वर्गों के लोग उनका आदर करते हैं और वह भी हर जरूरतमंद की मदद करने का पूरा प्रयास
करते हैं।