महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की जयन्ती मनाये जाने से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए उ0प्र0 संस्कृति विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया-जयवीर सिंह

 

आधुनिक भारत के महान चिंतक तथा आर्य समाज के संस्थापक महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयन्ती को स्मरणोत्सव के रूप में मनाये जाने के लिए भारत सरकार की अधिसूचना के क्रम में उ0प्र0 सरकार उनकी स्मृति मंे विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय लिया है। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मा0 मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में 40 सदस्यीय राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति का गठन किया गया है। समिति के गठन के संबंध में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति एल मुकेश कुमार मेश्राम की ओर से आवश्यक अधिसूचना जारी करा दी गयी है।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि आज महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती की जयन्ती है। इस अवसर पर उ0प्र0 संस्कृति विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाने की योजना है। इसके अलावा स्वामी जी की जयन्ती को भव्य एवं दिव्य रूप में मनाये जाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक उच्चस्तरीय समिति में मुख्यमंत्री के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक समेत प्रदेश मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्यों एवं विपक्षी पार्टी के नेताओं को भी पदेन सदस्य के रूप में नामित किया गया है।
महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए उ0प्र0 के संस्कृति विभाग को नोडल विभाग के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार स्तर पर स्वामी जी की 200वीं जयन्ती मनाये जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 97 सदस्यीय की समिति गठित की गयी है।
जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार महर्षि दयानन्द सरस्वती के सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप देने तथा आर्य संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है। इसी उपलक्ष्य में जनपद फिरोजाबाद के आर्य गुरुकुल महाविद्यालय सिरसागंज में सांस्कृतिक संकुल के निर्माण के लिए आगणित धनराशि 2424.45 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए पर्यटन विभाग द्वारा प्रथम किस्त के रूप में 02 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गयी है। इस सांस्कृतिक संकुल का कल 13 फरवरी को शिलान्यास भी किया जायेगा।
जयवीर सिंह ने बताया कि आर्यगुरूकुल महाविद्यालय सिरसागंज 1953 से आवासीय महाविद्यालय के रूप में संचालित किया जा रहा है और सम्पूर्णानन्द संस्कृति विद्यालय वाराणसी से सम्बद्ध है। यहां कक्षा-6 से पीजी तक संस्कृति की शिक्षा प्रदान की जाती है। इस संस्थान में देश के कई जाने माने विद्वानों को पैदा किया है। जो विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश का गौरव बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही दयानन्द सरस्वती जी के विचारों को जनजन तक पहुंचा रहे हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि आर्य संस्कृति आदिकाल से लेकर आज तक मानवता की सेवा के साथ ही आर्य संस्कृति के प्रचार प्रसार में लगी हुई है। महाविद्यालय में सांस्कृतिक संकुल के निर्माण से इस संस्था की विभिन्न गतिविधियों को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस महाविद्यालय के पास 250 बीघे अपनी जमीन है। जिसको इस संस्थान ने फायर स्टेशन की स्थापना, लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन के निर्माण, तहसील भवन तथा उप पुलिस अधीक्षक कार्यालय के निर्माण के लिए निःशुल्क दान में दी है।
जयवीर सिंह ने बताया कि इस महाविद्यालय में 100 से ज्यादा छात्र/छात्रायें अध्ययनरत हैं। हाल में ही आयोजित उ0प्र0 महोत्सव में इन छात्रों के सराहनीय प्रदर्शन के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कार्यक्रम प्रस्तुति में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर 01 लाख रूपये की धनराशि तथा शील्ड देकर पुरस्कृत किया था। यह संस्थान आर्यविधा, वेदानुयायी, आर्यशिक्षा का प्रचार प्रसार तथा साहित्य एवं कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने के साथ समाज में आदर्श जीवन जीने की परिकल्पना को साकार कर रहा है।
जयवीर सिंह ने कहा कि इस विद्यालय में कल 13 फरवरी को स्वामी जी की जयन्ती के उपलक्ष्य में खेलकूद एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ अन्य गतिविधियों को धरातल पर उतारा जायेगा।

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