बाराबंकी, 2 जनवरी। ज़िलाधिकारी श्री सत्येंद्र कुमार ने शहर के मध्य में जमुरिया नाले के जीर्णोद्धार, उसकी प्रवाह क्षमता को बहाल करने के लिए एक पांच दिन में तकनीकी परीक्षण के निर्देश दिए हैं। ज़िलाधिकारी ने कहा कि नकारात्मक सोच के बिना यह कार्य किया जाएगा ताकि भविष्य में फिर कभी ऐसी समस्याएं न उत्पन्न हों जैसी गत वर्ष अगस्त में आई बाढ़ से हो गई थीं।
ज़िलाधिकारी आज लोक सभागार में इस सम्बंध में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। अपर ज़िलाधिकारी श्री अरुण कुमार सिंह, सिंचाई खंड, बाढ़ खंड आदि के विभिन्न स्तर के इंजीनियर सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित बैठक में उपस्थित रहे। ज़िलाधिकारी ने कहा कि जमुरिया नाला शहर के बेहद महत्वपूर्ण ड्रेनेज सिस्टम का अभिन्न अंग है, इसका अतिक्रमण हटाया जाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि रेठ नदी में पानी का न जा पाना और अतिक्रमण के कारण अधिक मात्रा में सिल्ट के जम जाने से समस्या अधिक विकराल हो गई। उन्होंने अपर ज़िलाधिकारी से कहा कि वे जमुरिया नाले में जंक्शन प्वाइंट पर एक टीम लगाएं जो वहां की स्थिति का वास्तविक आकलन करे।
ज़िलाधिकारी श्री सत्येंद्र कुमार को इंजीनियर्स की टीम ने बताया कि रेठ नदी का वाटर लेवलिंग के कार्य के साथ ही इसको वाइडनिंग करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो वाटर वे नहीं मिल पा रहा था, उसको सुनिश्चित किया जाएगा साथ ही नाले का पानी राठ नदी में आसानी से चला जाए इसका रास्ता तैयार करना होगा। ज़िलाधिकारी ने इसके लिए पांच दिन में तकनीकी परीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने तहसीलदार नवाबगंज को निर्देश दिए कि इस सम्बंध में वह अपने स्तर से वहां के अतिक्रमण के सम्बंध में अपनी आख्या प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि जमुरिया नाले में पानी की आवक और पानी की निकासी वाले जंक्शन प्वाइंट को और सुचारू करने का स्थायी कार्य किया जाए।