उक्त बाते प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार दूबे ने बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान कही।उन्होने सभी पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि
कोई भी धार्मिक उत्सव हो।उसे आस्था, श्रद्धा और विश्वास के भावों से भरा होता है। धार्मिक उत्सव को जोश और जुनून से नहीं मनाया जाना चाहिए। इसके लिए दिलों में उमंग होना चाहिए। न की डी जे का हाई डेसबिल शोर जो किसी की जान का खतरा बन जाए। डीजे की होड़ ने न सिर्फ धार्मिक उत्सव के भावों पर कुठाराघात किया है। बल्कि अब जानलेवा भी साबित हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण सराय फाटक पर रहने वाले संगम लाल के साथ देखने को मिला है। हाई डेसिबिल डीजे की शोर से उनके दिल की धड़कनें बढ़ गई, और वह अपना दिल थाम कर वहीं बैठ गए थे। हालांकि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई लेकिन हम सब के घरों में तमाम बुजुर्ग मां-बाप रहते हैं उनके लिए यह हाई डेसिबल साउंड कितना खतरनाक साबित हो सकता है। इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। यही नहीं छोटे बच्चों और दिल के बीमार लोगों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि धार्मिक उत्सव को उत्सव की भांति मनायें और डीजे के हाई डेसिबल साउंड को कम रखें। स्वयं को तथा अपने आसपास के लोगों को अनावश्यक कष्ट न पहुंचे इसका ध्यान रखें!