परिजनों में छाई खुशी की लहर, ग्रामीणों ने घर पहुँचकर दी शुभकामनाएं
ब्यूरो,पीलीभीत।
सभी लोग अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहते हैं परंतु सिर्फ चाहने मात्र से ही इंसान को अपनी मंजिल नहीं मिलती है। अगर अपनी मंजिल को हासिल करना है, तो इसके लिए जीवन में कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी और मार्ग में आने वाली कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। तभी आप अपनी मंजिल हासिल कर सकते हैं जिसकी आप चाहत रखते हैं। इसी तरह एसएससी जीडी में चयनित होकर देश की सेवा करने की इच्छा रखने वाले विजय कुमार ने अपने परिवार ही नही बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया है। तहसील क्षेत्र के गांव अमरैया कलां के विजय कुमार का SSC ( GD) में चयन हुआ है। विजय कुमार का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। जिसकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव की प्राथमिक पाठशाला में हुई। उसके बाद उन्होंने पड़ोसी गांव के जय सत गुरूदेव सविता आत्माराम इण्टर कालेज में प्रवेश लिया। कठिन परिश्रम और लग्न से पढ़ाई की। जहां उन्होंने कक्षा दस मैट्रिक परीक्षा 508 अंक प्राप्त कर 84 प्रतिशत अंकों के साथ पास की। मैट्रिक परीक्षा पास कर शहर के पब्लिक इण्टर कॉलेज में 11वीं कक्षा में प्रवेश लिया। पब्लिक इण्टर कालेज से वर्ष 2018 में 373 अंक पाकर 74 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा पास की। विजय कुमार ने कठिन परिश्रम बड़ी लगन से पढ़ाई की और अच्छे अंकों से परीक्षाएं उत्तीर्ण की। अच्छे अंकों की मैरिट लिस्ट के आधार पर नवम्बर 2021 में पंचायत में सहायक ग्राम पंचायत अधिकारी के रुप में चयन हुआ। विजय कुमार ने सरकारी नौकरी में 21 वर्ष की कम आयु में कदम रखा। लेकिन उनका उनका कठिन परिश्रम और जज्बे ने उनको एक स्थान पर रहने नहीं दिया। उन्होंने पंचायत सहायक पद से भी 2022 में इस्तीफा दे दिया। और नई मंजिल पाने के लिए कदम बढ़ाए। सफलता के सफर में जनवरी में एसएससी की परीक्षा दी। जिसमें 160 अंक में से 121 अंक प्राप्त किए। परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद शारीरिक परीक्षण के लिए लखनऊ बुलाया गया। जिसमें उन्हें पास कर दिया। शारीरिक परीक्षण के बाद स्वस्थ परीक्षण के लिए रामपुर बुलाया गया। तीनों परीक्षाओं उत्तीर्ण होने के पश्चात अब विजय कुमार का भारतीय सेना की सशस्त्र सीमा बल एसएसबी में चयन हुआ है। अपने माता पिता एवं गुरुजनो सुरेन्द्र सिंह, उमाशंकर राजपूत राधाकृष्ण कुशवाहा, सियाराम कुशवाहा को सफलता का श्रेय दिया। उनके चयनित होने पर गांव के ही रविन्द्र कुमार नन्द, उमाशंकर राजपूत, दयाराम राजपूत, गंगाराम ने घर पहुंचकर मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दीं।