नगर के एक मकान में चल रहा क्लीनिक पर हुई घटना।
आदर्श उजाला ब्यूरो, पीलीभीत
बिलसंडा, पीलीभीत । नगर के एक मोहल्ले में अवैध रूप से घर में संचालित क्लीनिक में किए गए गर्भपात के दौरान कैची लगने से बच्चादानी फट गई। हालत बिगड़ने पर परिजन बरेली ले गए जहां पर एक अस्पताल में किए गए ऑपरेशन के बाद महिला की मौत हो गई ।
थाना क्षेत्र के गांव कनपरा निवासी विशाल कश्यप ने बताया कि गत 11 जुलाई को वह अपनी पत्नी किरण को नगर के एक मोहल्ले में घर में संचालित क्लीनिक पर ले गया था। पत्नी करीब डेढ़ महीने के गर्भ से थी। वह बच्चा करने का इच्छुक नहीं था। क्योंकि पहले से ही उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसलिए क्लीनिक पर उसने गर्भ गिराने के लिए कहा कि कोई ऐसी दवा दे दो जिससे गर्भ गिर जाए। विशाल का कहना है कि इस पर क्लीनिक का संचालन कर रही महिला ने गर्भपात के अलावा अन्य किसी उपाय से फायदा न होने की बात कही। इस पर वह तैयार हो गया जिसके बाद पत्नी का गर्भपात किया गया। आरोप है कि गर्भपात के दौरान कैंची लगने से बच्चादानी फट गई। इतना ही नहीं गुप्तांग से आत भी बाहर निकल आई, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। हालत बिगड़ने के बाद विशाल पहले पीलीभीत के एक निजी अस्पताल लेकर गया, जहां पर उपचार कराया गया । लेकिन फायदा न होने पर उसे बरेली के एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पर डॉक्टर ने ऑपरेशन किया लेकिन उसके बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ जिससे उसकी अस्पताल में ही मौत हो गई । इस घटना से मृतका के दो मासूम बच्चों के सिर से मां का साया हट गया।
ज्ञात हो कि मृतका के दो बेटों में बड़ा बेटा सार्थक साढ़े तीन वर्ष और सौरभ डेढ़ वर्ष का है। इस घटना से विशाल का छोटा सा घरौंदा पूरी तरह बिखर गया । पत्नी की मौत से दोनों मासूमों की परवरिश की जहां जिम्मेदारी बढ़ गई, वहीं बच्चों की वजह से अब उसके समक्ष मेहनत मजदूरी करने के लिए समय निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
गर्भपात से महिला की हुई मौत के मामले में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है, तो मालूमात कर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी,
मनीष राज शर्मा प्रभारी अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलसंडा।
घरों में संचालित अवैध क्लीनिको से स्वास्थ्य विभाग अनजान,नगर के शकुंतला क्लीनिक पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की गई छापामार कार्यवाही के बाद अब उन सभी झोलाछापो में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने नगर में आबादी के बीच घरों में अवैध रूप से क्लीनिक खोल रखें है।
जहां पर गर्भपात जैसे घृणित कार्य किए जाने के बावजूद आज तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिसकी वजह से ऐसे क्लीनिक धड़ल्ले से चल रहे हैं। अगर ऐसे क्लीनिको पर समय रहते अंकुश लगाया गया होता, तो शायद किरन कश्यप की गर्भपात की वजह से जान जाने से बच जाती।
गर्भपात एवं डिलीवरी मामलों में ऐठते हैं मोटी रकम,
गर्भपात एवं डिलीवरी कराने पर अवैध क्लीनिक संचालित करने वाले मनमाना पैसा भी वसूलते हैं। बताते हैं कि गर्भपात के मामलों में सर्वाधिक मनमाने तरीके से पैसों की वसूली भी की जाती है। क्योंकि इनमें अधिकांश मामले लोक लाज से जुड़े हुए होते हैं। जो किसी भी तरह का जोखिम लेने से बचते हैं। ऐसे में झोलाछाप भरपूर फायदा भी उठाते हैं। कभी कभार कोई मामला फंसता है तो वह पैसो के सहारे निपटा भी लेते हैं। उधर आबादी के बीच इस तरह के घृणित कार्य किए जाने पर कई बार शोर भी मचा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का संरक्षण फिर भी बरकरार रहा।