नई दिल्ली। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की आज आयोजित जांच समिति की मीटिंग में डीएवीपी की प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति 2022 का मामला सुना गया जिसमें प्रकाशक संगठनों ने नई विज्ञापन नीति पर जोरदार आपत्ति दर्ज कराई।
जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में प्रेस काउंसिल के सदस्य श्री गुरिंदर सिंह, श्री श्याम सिंह पंवार, डॉ बलदेव राज गुप्ता, श्री प्रकाश दुबे, डॉ. सुमन गुप्ता व श्री प्रज्ञानंद चौधरी की जांच समिति के समक्ष प्रकाशक संगठनों द्वारा उठाई गई आपत्तियों को सुना गया। सभी संगठनों ने इस बात पर घोर नाराजगी जताई कि नई विज्ञापन नीति-2020 के सभी मानक पूरे करने के बावजूद भी अधिकांश समाचार पत्रों को पिछले काफी वर्षों से एक भी विज्ञापन नहीं मिला। विज्ञापन नीति के अनुसार निर्धारित विज्ञापन अनुपात में विज्ञापन न दिए जाने का मामला भी जोर-शोर से उठाया गया तथा इस विज्ञापन नीति को रद्द करने की मांग उठाई।
प्रेस काउंसिल के चेयरमैन ने डीएवीपी के अधिकारियों के पक्ष व प्रकाशकों की समस्याओं को सुनकर इसके लिए एक विशेष उप समिति बनाने की पर सहमति जताई जो शीघ्र ही गठित कर दी जाएगी। उन्होंने अगली मीटिंग में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उच्च अधिकारियों को तलब करने का भी निर्देश दिया।
जांच समिति की मीटिंग में ऑल इंडिया स्माल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव व प्रेस काउंसिल के पूर्व सदस्य श्री अशोक नवरत्न, श्री पवन सहयोगी, एसोसिएशन आफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया के श्री प्रवीण पाटील, स्मॉल मीडियम बिग न्यूज़पेपर सोसाइटी के श्री पद्माकर शर्मा व श्री अजय शर्मा, ऑल इंडिया स्माल न्यूजपेपर्स एसोसिएशन के श्री गिरीश चंद शर्मा आदि उपस्थित रहे।
पत्रकार
स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रेषित
रिपोर्ट नीरज जैन