घायल तेंदुआ को भेजा गया गोरखपुर चिड़िया घर

घायल तेंदुआ को भेजा गया गोरखपुर चिड़िया घर

 

बलरामपुर-: जनपद के जरवा मे ग्रामीणों की पिटाई से घायल तेंदुए को गोरखपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया है । वही वही प्राप्त जानकारी अनुसार प्राथमिक उपचार के बाद तेंदुए की हालत खतरे से बाहर होने की बात कही गई है। जिसके बाद पिंजरे में कैद कर तेंदुए को पिकअप से गोरखपुर चिड़िया घर के लिए भेज दिया गया है ।वही दाहिने पैर में चोट के कारण तेंदुए को जंगल में छोड़ना खतरे से खाली नहीं था। शासन से अनुमति मिलने के बाद तेंदुए को गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा गया। जनपद के जरवा मे 19 मई को स्थानीय कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत जनकपुर रेंज स्थित बसंतपुर गांव निवासी पांच लोग तेंदुए के हमले में घायल हुए थे। वही सुबह 11 बजे दो लोग कबाही नाला के निकट मवेशी चराने गए थे, जहा नाला किनारे झाड़ी में छुपे तेंदुए ने उन पर हमला करके घायल कर दिया था। वही इस दौरान उन्हें बचाने आए तीन अन्य लोग भी तेंदुए के हमले में घायल हुए थे। सभी का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया था। आक्रोशित ग्रामीणों ने तेंदुए को घेरकर बुरी तरह पीटा था, जिसमें उसे गंभीर चोटें आई थी। घटनास्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर घायल अवस्था में पड़े तेंदुए को वन विभाग ने जाल में फंसा लिया था। वन विभाग ने मामले में अज्ञात लोगों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। तेंदुए को जनकपुर रेंज कार्यालय लाकर इलाज कराया गया। तीन दिन इलाज कराने के बाद तेंदुए की हालत सुधर गई। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुमित कुमार के मुताबिक तेंदुए के अगले दाहिने पैर में गंभीर चोट आई थी। इसी के चलते तेंदुआ चलने फिरने में असमर्थ हो गया । जंगल में छोड़े जाने पर तेंदुए की जान को खतरा हो सकता है। वहीं पर जानकारी देते हुए तेंदुआ प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि तेंदुए को पिंजरा समेत गाड़ी पर रखकर गोरखपुर के लिए भेजा गया है। उनके साथ क्षेत्रीय वन अधिकारी अमरजीत व पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम भी गई है । और सुबह लगभग 8 बजे तेंदुए को सुरक्षित गोरखपुर चिड़ियाघर पहुंचा दिया गया है।
वही आवश्यक लिखा पढ़ी के बाद रेंजर व पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम बलरामपुर वापस आ गई है। चिड़ियाघर को सौंपते समय तेंदुआ स्वस्थ पाया गया है । पैर में चोट के अलावा अन्य कही जख्म नहीं है।
वह इस पर जानकारी देते हुए बताया कि तेंदुए की उम्र लगभग डेढ़ से दो वर्ष के बीच है। जांच में यह भी पाया गया है कि छेड़छाड़ करने के बाद ही तेंदुआ ग्रामीणों पर आक्रोशित हुआ था।

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