पीड़ितों की शिकायतों की जांच में अधिकारी लीपा-पोती कर मानक विहीन नर्सिंगहोम व अस्पतालों को दे रहे संरक्षण
जनपद पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में बड़े पैमाने पर मानक विहीन नर्सिंग होम व प्राइवेट अस्पताल धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं इन मानक विहीन नर्सिंग होम व अस्पतालों के संचालकों द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों व अन्ट्रेंड स्टाफ से मरीजों की देख-रेख करवाने के साथ-साथ प्रसव ऑपरेशन तक करवा दिए जाते हैं जिसकी वजह से प्रसूता महिला की बच्चेदानी रैप्चर होने तथा उनके नवजात शिशुओं की मौत हो जाने के अलावा कई प्रसूताओं की मौतों के मामले भी सामने आ चुके हैं और जब किसी पीड़ित द्वारा शिकायत की जाती है तो यही पीलीभीत स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त होकर जानबूझकर जांच करवाई में मनमानी करते हुए लीपा-पोती कर मानक विहीन नर्सिंग होम व अस्पतालों को संरक्षण प्रदान कर दोषियों को बचाने का काम करता है।
इसी तरह का एक ताजा मामला केडी नर्सिंग होम पीलीभीत का सामने आया है जिसमें प्रसूता की जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए नर्सिंग होम संचालक झोलाछाप डॉक्टर हितेश वर्मा ने अपने अन्ट्रेंड स्टाफ की मदद से प्रसव आप्रेशन कर दिया जिससे प्रसूता की बच्चेदानी रैप्चर हो गई जिसे परिवार वालों को बताए बगैर निकाल कर फेंक दिया गया।
पीड़ित पक्ष द्वारा शपथ पत्र लगाकर स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक रजिस्टर्ड शिकायती पत्रों के माध्यम से शिकायतें भी की गयीं परन्तु पीलीभीत स्वास्थ्य विभाग ने सब कुछ जानते हुए भी नर्सिंग होम संचालक ने जिन डॉक्टरों के कागज अपने बचाव में स्वास्थ्य विभाग को सौंपे हैं उनकी लिखित शिकायतों के बावजूद न तो स्थलीय जाँच की गई और न हि उन डॉक्टर्स की कॉल डिटेल निकलवाकर लोकेशन ट्रेस करके यह जानने का प्रयास किया गया की जिस समय प्रसव ऑपरेशन किया गया था उस समय वह डॉक्टर जिनके दस्तावेज जांच रिपोर्ट में दर्शाए गए हैं वह जनपद पीलीभीत में मौजूद थे या नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग पीलीभीत झोलाछाप डॉक्टर हितेश वर्मा व उसके अन्ट्रेंड स्टाफ को बचाने का कार्य लगातार कर रहा है जिससे छुब्ध होकर भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश संगठन मंत्री ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार सहित राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग स्वास्थ्य मंत्री व पीलीभीत प्रशासन को शिकायती पत्र देकर कथित तौर पर बेहोशी का इंजेक्शन देने वाले डॉक्टर दिव्य अग्रवाल व शल्य क्रिया करने वाली डॉक्टर प्रियंका की कॉल डिटेल निकलवाकर लोकेशन ट्रेस करके दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए आन्दोलन की चेतावनी दी है अब देखना यह होगा कि पीलीभीत स्वास्थ्य विभाग डॉक्टरों की कॉल डिटेल निकलवा कर लोकेशन ट्रेस करके स्थलीय कार्रवाई कर दोषियों के खिलाफ एक्शन लेगा या फिर गरीब मजदूर किसानों व समाज के दबे कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए जानी जाने वाली भारतीय किसान यूनियन भानु को आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
रिपोर्टर मोहम्मद तौसीर
आदर्श उजाला न्यूज़
पीलीभीत से