निन्दूरा छेत्र के ग्राम पिपरसल बंदगी नगर में चल रही श्रीराम कथा प्रवचन में मंगलवार को भगवान राम के संग हनुमान जी के मिलन की कथा सुनाई गई

निन्दूरा छेत्र के ग्राम पिपरसल बंदगी नगर में चल रही श्रीराम कथा प्रवचन में मंगलवार को भगवान राम के संग हनुमान जी के मिलन की कथा सुनाई गई। कथा वाचक चन्द्रशेखर आजाद जी ने कहा कि हनुमान जी ने एक भक्त के रूप में प्रभु श्रीराम की बहुत सहायता की। माता सीता के वन गमन के दौरान रावण ने जब उनका हरण किया तो सीता माता का पता लगाने से लेकर वापस उन्हें अयोध्या लाने तक में हनुमान जी की अनेक लीला का वर्णन है। भगवान ने अपने प्रिय भक्त हनुमान को सच्चा और नि:स्वार्थ भक्ति के कारण अपना सबसे बड़ा दास बनाया। माता सीता ने उन्हें उनकी भक्ति से प्रभावित होकर अष्टसिद्धियां वरदान में दी। इसके साथ ही कथा के दौरान माता सबरी की प्रभु भक्ति की कथा भी सुनाई गई। कथा सार में कहा गया कि जब शांति और सत्य में से किसी एक को चुनना पड़े तो नि:संकोच सत्य को चुन लेना ही सर्वश्रेष्ठ है। शांति बनाए रखने के लिए सत्य को छोड़ देना यह उचित नहीं है। भगवान राम और कृष्ण ने भी शांति, प्रेम का संदेश दिया। लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं यह ज्यादा विचारणीय नहीं है। आप अपने बारे में क्या सोचते हैं यह महत्वपूर्ण है। स्वयं की क्षमताओं पर प्रयासों पर और स्वयं पर भरोसा रखें, दुनिया की कोई चीज ऐसा नहीं जो मनुष्य के प्रयासों से बड़ी हो। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में हर रोज श्रद्धालु जुट रहे

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