भक्ति दीप्तिमान मणि के समान है और ज्ञान एक जलता हुआ दीपक है-डॉ. महीधर शुक्ल

 

रामसनेहीघाट-बनीकोडर ब्लाक के जरौली गांव में श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा के क्रम में शुक्रवार को अयोध्या धाम से कथा व्यास डॉ. महीधर शुक्ल ने कहा कि- भक्ति दीप्तिमान मणि के समान है और ज्ञान एक जलता हुआ दीपक है।ज्ञान के द्वारा ईश्वर को जान पहचान कर उसकी पूरे महात्म को समझा जा सकता है लेकिन भक्ति के द्वारा ईश्वर का साकार दर्शन अवश्य प्राप्त होता है।बृज में महा रासलीला रचाकर भगवान श्रीकृष्ण ने गोपिकाओं को भक्ति भाव से ओतप्रोत कर दिया।उन्होंने आगे कहा बृज में हुई योगेश्वर भगवान की रासलीला वास्तव में ब्रह्म और जीव का सार्थक मिलन है।आज इस कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण और महारानी रुक्मणी के विवाह की मनोरम झांकी सजाई गई जिसे दर्शकों ने भक्ति भाव से स्वीकार किया तथा भाव विभोर हुए।आज के आयोजन एडवोकेट राहुल तिवारी व पत्रकार विकास पाठक के द्वारा कथा व्यास का अभिनंदन और माल्यार्पण किया गया।मुनेश्वर मिश्र,विशेसर तिवारी,दुर्गेश तिवारी सहित बहुत से लोगों ने अपनी भागीदारी निभाई।

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