डॉ० अम्बेडकर जन्मोत्सव कार्यक्रम ग्राम नेवादा सादुल्लाहनगर में हुआ सम्पन्न
काजी सुहेल अहमद संवाददाता
उतरौला जनपद बलरामपुर
सादुल्लाहनगर/बलरामपुर। राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज कोल्हापुर रियासत के राजा थे। सन 1902 में पिछड़े वर्ग के लिए उन्होंने अपने रियासत में 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। और अपने खजाने से स्वर्ण मुद्राएं देकर डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी को विदेश भेजकर पढ़ाने का काम किया।
उक्त बातें सादुल्लाहनगर के ग्राम नेवादा में आयोजित डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी के 134वें दो दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम के समापन दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में सभा सम्बोधित करते हुए एडवोकेट नन्द किशोर वर्मा, अध्यक्ष, राम करन वर्मा बुद्ध विहार सिसउर अन्दूपुर जनपद गोण्डा ने कहा। उन्होंने डॉ० अम्बेडकर के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर अपने विचार रखे।
विशिष्ट अतिथि सबिता वर्मा, अध्यक्ष, सावित्रीबाई फुले फाउण्डेशन जनपद गोण्डा ने सावित्रीबाई फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज जो महिलाओं को पुरुषों के बराबर मान-सम्मान, हक- अधिकार मिल रहें हैं, राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले एवं उनके पति राष्ट्रपिता ज्योतिबा राव फूले की देन हैं। उन्होंने सन् 1848 में महाराष्ट्र के पूना शहर में स्कूल खोला और बालिकाओं को शिक्षत करने का काम किया।
विशिष्ट अतिथि ने कहा कि डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी ने हम सभी को भारतीय संविधान में अधिकार देकर समाज में समता, स्वतंत्रता, न्याय, शिक्षा, सम्मान दिलाया। इसलिए हमें बाबासाहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी के विचारों को जानने, समझने और उन्हें आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने पढ़ने वाली बालिकाओं को ‘हर घर सावित्रीबाई फुले’ नामक किताब भी भेंट किया।
कार्यक्रम में सभा को दिलीप कुमार वर्मा, पूर्व प्रत्याशी सदस्य जिला पंचायत सरायखास, गौरीशंकर, बी०पी० बौद्ध, डॉ० कैलाश नाथ वर्मा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन अरविन्द अम्बेडकर ने किया। कार्यक्रम आयोजक अर्जुन कुमार भारती एवं उनकी टीम द्वारा सभी अतिथियों का माला पहनाकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर सामाजिक सांस्कृतिक जागृति सेवा समिति/ड्रामा कमेटी निसारुपुर, इटियाथोक, जनपद गोण्डा के द्वारा डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी के जीवन संघर्षों पर आधारित नाट्य मंचन किया गया, जो बहुत ही मार्मिक रहा। नाट्य कलाकारों ने बखूबी किरदार निभाकर दर्शकों द्वारा खूब वाहवाही बटोरी।
उक्त कार्यक्रम में डॉ० राम लोचन पूर्व प्रधान, डॉ० राम तीरथ कनौजिया, डॉ० राकेश कुमार, वीरेन्द्र कुमार भारती, अवधेश प्रसाद निषाद, हरि प्रसाद बौद्ध, शिवानी, रोशनी, शिव कुमार भारती, सुरेन्द्र कुमार, श्रवण कुमार आदि काफी संख्या में पुरुष एवं महिलाएं उपस्थित रहे।