जान मोहम्मद व्योरोचीफ आर्दश उजाला जिला बलरामपुर
बलरामपुर -उतरौला में भारी भरखम काफी पुरानी एवं महत्वपूर्ण कुंडवा ताल पर बनी पुलिया और तालाब, नाले को पाट कर समतल किया जा रहा है। बलरामपुर चीनी मिल की जब स्थापना हुई थी तब की बनी पुलिया को पाट कर समतल कर दिया गया,और इसी क्रम में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका का एक लेटर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुंडवा तालाब और पुलिया को पाटने से रोकने के लिए उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई गई है। स्थिति के अनुसार एवं पश्चात विभागा गार अभिलेखों में दर्ज तालाब झील अन्य वाटर बॉडीज की गाटा वार स्थिति के अनुसार स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। तालाब पट जाने के कारण शहर पनाह नाले, नालियों की जल निकासी बंद हो जाने की संभावना है। जनता के मन में सवाल कौंध रहा है, सार्वजनिक पुल को क्यों पाट दिया गया? क्या इस पुलिया के डिमोलिशन ऑर्डर या और कोई पुलिया पाटने का आर्डर है? क्या शहर पनाह नाले को भी पाट कर समाप्त किया जा सकता है? अधिक वर्षा होने पर इस महत्वपूर्ण पुल को और नाले को पटने से क्या उतरौला में जल भराव नहीं होगा? जल भराव के कारण इस क्षेत्र में खेती किसानी क्या हो पाएगी? ऐसे ही तालाब, पुल, नाले सब बंद कर पाट दिये जाएंगे तो आने वाले समय में पूरे उतरौला नगर के पानी की निकासी कैसे होगी। वक्त रहते नाले और पुल को खुलवाया जाना बहुत जरूरी है, नहीं तो बाढ़ या ज्यादा वर्षा के कारण उतरौला में जल प्रलय आ सकता है। जिसमें पूरा उतरौला डूब जाएगा।