आदर्श उजाला संवाददाता – मोहम्मद इसराईल शाह (गैड़ास बुजुर्ग)
उतरौला(बररामपुर)
रविवार रात रेहरा माफ़ी की शिया मस्जिद में प्रसिद्ध कवि शुजा उतरौलवी के पिता स्वर्गीय हसन जाफ़र की बरसी के अवसर पर मजलिस का आयोजन किया गया। जिसे मौलाना ज़ायर अब्बास साहब क़िब्ला ने संबोधित किया।
मजलिस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रमज़ान मुबारक रहमतों और बरकतों वाला महीना हैं। इस पाक महीने में हमें अधिक से अधिक इबादत और गरीबों की मदद करनी चाहिए।
मज़हबे इस्लाम में नमाज़ के बाद रोज़ों का बहुत महत्त्व है। इस माह में हमें क़ुरान की तिलावत भी खूब करनी चाहिए। रमज़ान में हर इबादत का सबाब अन्य महीना की अपेक्षा अधिक मिलता है। रमज़ान का महीना हमें सबके साथ मिलकर रहने और गरीबों की मदद के लिऐ भी प्रेरित करता है। हमें इस माह में अपने अच्छे कार्यों से अपने रब को राज़ी करना चाहिए।
अंत में उन्होंने हज़रत मौला अली (अ स) की शहादत का वर्णन किया जिन्हें मस्जिदे कुफा़ में रमज़ान की 19 तारीख़ को सुबह की नमाज़ में इब्ने मुलजिम ने तलवार से शहीद कर दिया था। फ़हमीद रज़ा, अज़ीज़ जाफ़री, अशफ़ाक हुसैन, जौंन जाफ़री, मुमताज़ रज़ा, फ़रमान अली वारिस, इरफ़ान हैदर, तौसीफ़ हसन, अब्बास जाफ़र, जौहर अब्बास, मुहम्मद आलिम, मीसम उतरौलवी, क़ैसर अब्बास, अली शहंशाह, मेराज अब्बास, अजमल रिज़वी, मोजिज़ अब्बास, सालिम रिज़वी, रिज़वान हैदर, राशिद रिज़वी, यासूब अब्बास, सायम मेंहदी, फ़राज़ अब्बास समेत अन्य अजादार शामिल रहे।