प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री डा0 संजय निषाद की अध्यक्षता में आज प्रादेशिक मछुआ कल्याण सम्मेलन मत्स्य सम्पदा जागरूकता अभियानः एक दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन राजधानी लखनऊ के कृषि निदेशालय के सभागार में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि मत्स्य विभाग, उत्तर प्रदेश आज प्रदेश के मत्स्य पालकों, मत्स्य बीज उत्पादकों एवं मत्स्य उद्यमियों के लिए समर्पित है, ताकि प्रदेश वासियों को मत्स्य पालन तकनीक एवं नदियों व जलाशयों में मत्स्य आखेट प्रबन्धन की जानकारी प्रदान करते हुए अधिक से अधिक मत्स्य उत्पादन के साथ-साथ मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण व संवर्धन किया जा सके।
डा0 निषाद ने कहा कि विभागीय योजनाओं से मछुआ समुदाय को लाभान्वित करने एवं मत्स्य विकास हेतु मत्स्य विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आनलाईन आवेदन विभागीय वेबसाईट पर प्राप्त किये जा रहे हैं। प्रदेश के दूर दराज के ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाले व्यक्ति आॅनलाईन आवेदन करके विभागीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु जनसुविधा केन्द्रों, साइबर कैफे आदि के सहयोग से आम जनमानस द्वारा आॅनलाइन आवेदन किया जा रहा है। मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास हेतु संचालित योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण योजना भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत निजी भूमि पर तालाब निर्माण, मत्स्य बीज हैचरी निर्माण, बायोफ्लाक पाण्ड, रियरिंग तालाब निर्माण, रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, इन्सुलेटेड व्हीकल्स, मोटर साइकिल विद आइस बॉक्स, थ्री-व्हीलर विद आइस बॉक्स, साइकिल विद आइस बॉक्स, जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, मत्स्य आहार प्लान्ट, मत्स्य आहार मिल, केज संवर्धन, पेन संवर्धन, सजावटी मछली रियरिंग यूनिट, कियोस्क निर्माण, शीतगृह निर्माण, मनोरंजन मात्स्यिकी, डाइग्नोस्टिक मोबाईल लैब, मत्स्य सेवा केन्द्र एवं सामूहिक दुर्घटना बीमा सहित कुल 31 योजनाएं संचालित हैं।
मत्स्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त (अल्ट्रा-माॅडर्न) फिश मार्केट की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में जनपद चन्दौली में अल्ट्रा मार्डन फिश मण्डी निर्माणाधीन है। मत्स्य आयात एवं निर्यात को बढावा देने, प्रदेश के अन्य जनपदों में उत्पादित मछली का उचित मूल्य मत्स्य पालकों एवं व्यवसायियों को उपलब्ध होने, क्षेत्र के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान, मत्स्य पालकों के आय को बढाने, रोजगार सृजन, मत्स्य पालन क्षेत्र को बढावा देने, सामुद्रिक मत्स्य उत्पाद की उपलब्धता, मत्स्य से सम्बन्धित निवेश एवं अन्य सामग्रियों की उपलब्धता के लिए मण्डी का निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी लागत प्रति इकाई रू0 50 करोड़ है। इस वर्ष जनपद गोरखपुर व मुरादाबाद में भी मण्डी निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को 01 ट्रिलियन डाॅलर तक पहुॅचाने में अल्ट्रा-माॅडर्न फिश मार्केट का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
डा0 निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत मात्स्यिकी सेक्टर के संगठित विकास हेतु केन्द्र प्रायोजित परियोजना के अन्तर्गत जनपद- गोरखपुर एवं मथुरा में इन्टीग्रेटेड एक्वापार्क बनाये जाने हैं, जिसकी लागत प्रति इकाई रू0 40 करोड़ है। उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को 01 ट्रिलियन डाॅलर तक पहुॅचाने में इन्टीग्रेटेड एक्वापार्क का महत्वपूर्ण योगदान होगा। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत योजना के प्रारम्भ से अब तक रू0 292 करोड़ अनुदान लाभार्थियों को वितरित किया गया है। योजना के अन्तर्गत 1870 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर तालाब निर्माण, खारे भूमि में 83 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर तालाब निर्माण, 277 हेक्टेयर क्षेत्रफल 823 रिसर्कुलेटरी क्वाकल्चर सिस्टम, 39 इन्सूलेटेड व्हीकल्स एवं मोबाईल लैब, 245 मोटरसाइकिल विद आइस बॉक्स, 92 थ्री-व्हीलर विद आइस बॉक्स, 2168 साइकिल विद आइस बॉक्स, 66 जिन्दा मछली विक्रय केन्द्र, 114 मत्स्य आहार मिल, 43 कियोस्क, 01 बैकयार्ड आर्नामेन्टल फिश रियरिंग यूनिट, 764 केज सहित कुल 5080 परियोजनाएं पूर्ण करायी गयी हैं, जिसकी कुल परियोजना लागत रू0 642 करोड़ है।
मत्स्य विकास मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक रू 8.50 करोड़ (आठ करोड़ पचास लाख) का अनुदान 648 लाभार्थियों को प्रदान किया गया है, जिससे 613 हेक्टेयर जलक्षेत्रों में मत्स्य पालन हेतु निवेश के लिए अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है। मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 रू0 10 करोड़ का बजट दिया गया है, जिसके अन्तर्गत 625 हेक्टेयर जलक्षेत्रों में मत्स्य पालन निवेश एवं मत्स्य बीज बैंक की स्थापना हेतु लगभग 687 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 से निषादराज बोट सब्सिडी योजना चलाई जा रही है, जिसमें मत्स्य पालकों एवं मछुआरों को मछली पकड़ने एवं नौकायन हेतु नाव, जाल, लाईफ जैकेट, आइस बॉक्स आदि क्रय करने हेतु अनुदान की सुविधा प्रदान की जा रही है। योजना की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया 2023-24 हेतु रू0 05 करोड का बजट दिया गया है, जिससे 1865 मछुआरों को लाभान्वित किया जा रहा है।
डा0 निषाद ने कहा कि मत्स्य पालकों एवं मत्स्य गतिविधियों में लगे हुए व्यक्तियों को बैंकों के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दिलायी जा रही है जिसके अन्तर्गत रू 1.60 लाख तक का बैंक ऋण बिना किसी जमानत के दिया जाता है। अब तक 15,212 मत्स्य पालकों को किसान के्रडिट कार्ड उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में सदानीरा नदियों पर मत्स्य आखेट हेतु मछुआ समुदाय की मत्स्य जीवी सहकारी समितियंा बनाने हेतु नई नीति का निर्धारण किया गया। इसके तहत 565 नई मत्स्य जीवी सहकारी समितियां गठित की जाएंगीं। विश्व मात्स्यिकी दिवस, रिवर रैंचिंग कार्यक्रम एवं विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों के अन्तर्गत प्रदेश में मत्स्य विकास हेतु लगभग 75,000 मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को योजनाओं की जानकारी प्रदान की गयी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (दिनांक 10 फरवरी से 12 फरवरी 2023) के अवसर पर विभागीय स्टाल एवं प्रदर्शनी के माध्यम से योजनाओं का प्रचार-प्रसार कराया गया। उक्त समिट में 72 निवेशकों के रू0 862 करोड़ के प्रस्ताव पर मत्स्य विभाग एवं निवेशकों के मध्य एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित हुए। दिनांक 19 फरवरी 2024 को आयोजित ग्राउन्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में कुल 251 करोड़ के निवेशकों के प्रस्ताव सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से मछुआ समुदाय एवं कृषकों को लाभान्वित किया गया तथा वाहन परियोजनाओं का फ्लैग आॅफ भी किया गया।
इनमें मोटर साईकिल विथ आईसबाॅक्स के 33 लाभार्थी, थ्री व्हिलर विथ आईसबाॅक्स के 08 लाभार्थी, रेफ्रीजरेटेड वैन एवं इन्सुलेटेड वैन के 08 लाभार्थी शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव मत्स्य डा0 रजनीश दुबे ने कहा कि प्रदेश ने वर्ष 2022-23 में 9.15 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन कर पूरे देश में अन्र्तदेशीय मछली उत्पादन में तीसरा स्थान हासिल किया है। वर्ष 2023-24 में प्रदेश ने अब तक 9.39 मेट्रिक टन मत्स्य उत्पादन किया है। प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए आजीविका एवं पोषण सुरक्षा की दिशा में में प्रयास किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मत्स्य विभाग, उ0प्र0 को भारत सरकार द्वारा देश का सर्वश्रेष्ठ अन्र्तस्थलीय मात्स्यिकी राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया। मछुआ समुदाय के कल्याण एवं मत्स्य विकास हेतु सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषादराज बोट सब्सिडी योजना, मत्स्य पालक कल्याण कोष योजना, सामूहिक दुर्घटना बीमा योजना तथा किसान क्रेडिट कार्ड जैसी कई योजनाएं चलायी जा रही हैं।
कार्यक्रम में वीरू साहनी, अध्यक्ष उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ, सुनील कुमार वर्मा, विशेष सचिव मत्स्य, एन0एस0 रहमानी, निदेशक मत्स्य, पुनीत कुमार, उप निदेशक मत्स्य, मुख्यालय, डा0 हरेन्द्र प्रसाद, उप निदेशक मत्स्य, लखनऊ मण्डल, अन्जना वर्मा, उप निदेशक मत्स्य, (नियोजन), मोनिशा सिंह, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ, आर0पी0 सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी, उग्रसेन सिंह, उप निदेशक मत्स्य, सांख्यिकी, संतोष सिंह यादव, उप निदेशक मत्स्य, सहकारिता आदि उपस्थित रहे।
आज के कार्यक्रम में मंत्री द्वारा मोेटरसाइकिल विथ आईसबाॅक्स के 11, थ्री व्हिलर विथ आईसबाॅक्स के 01, इन्सुलेटेड व्हिकल के 05, मोबाइल लैब क्लीनिक की 01 परियोजना का फ्लैग आॅफ किया गया तथा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्य मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषाद राज बोट सब्सिडी योजना एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना से लाभन्वित 22 मछुआरों/मत्स्य पालकों को चेक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।