प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि स्वास्थ्य कर्मचारियों से फाइलेरिया रोधी दवा मांगकर खाएं। यह दवा अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर बनी है और पूरी तरह सुरक्षित है। दवा जब अपना कार्य शुरू करती है तो कुछ देर के लिए जी मितलाना, सर दर्द या चक्कर आना जैसी प्रतिक्रिया स्वाभाविक हैं, जो कि कुछ ही देर में स्वतः समाप्त हो जाती हैं, यह दवा के सकरात्मक प्रभाव हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस अभियान में अभी तक ऐसा कोई भी गंभीर मामला सामने नहीं आया है।
उप मुख्यमंत्री ने सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान की अभी तक की प्रगति पर संतुष्टि जाहिर की। उन्होंने कहा कि मात्र 10 दिन में 19149559 लोगों ने दवा सेवन कर यह दिखा दिया है कि फाइलेरिया उन्मूलन में उत्तर प्रदेश काफी अग्रसर है। उन्होंने उमीद जताई है कि भारत सरकार के लक्षित वर्ष 2027 से पहले ही यूपी फाइलेरिया उन्मूलन में बेहतर परिणाम देगा। अभियान के दौरान कुल 35459457 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
श्री पाठक ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर दिन के दवा सेवन का आंकड़ा ई-कवच पोर्टल पर अवश्य दर्ज कराएं। साथ ही फाइलेरिया रोधी दवा स्वास्थ्य टीम के सामने ही खिलाना सुनिश्चित करें। दवा खिलाने से पहले व्यक्ति को बीमारी व दवा संबंधी पूर्ण जानकारी दी जाए। किसी भी व्यक्ति को खाली पेट दवा न खिलाई जाए। गौरतलब है कि प्रदेश के 17 जिलों में 10 फरवरी से शुरू हुए एमडीए अभियान के तहत यह दवा 28 फरवरी तक घर-घर खिलाई जा रही है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिला रही हैं। इसके अलावा आरोग्य मंदिर, जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह दवा उपलब्ध है। स्कूल जाने वाले बच्चों को उनके शैक्षणिक संस्थानों में दवा खिलाई जा रही है और विभिन्न प्रतिष्ठानों में बूथ लगा कर भी दवा सेवन कराई जा रही है।