शुकदेव जी महाराज ने जिस स्थल पर पहली बार राजा परीक्षित को वटवृक्ष के नीचे श्रीमद्भागवत कथा सुनाई थी, प्रदेश सरकार उस पावन स्थल पर पर्यटक सुविधाओं का विकास कर रही है। इस क्रम में टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर (टीएफसी) और पार्किंग बनाने की तैयारी है। इसके लिए लगभग 21.25 करोड़ रुपये से आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। सुविधाओं के विकास के लिए 04 करोड़ रुपये की पहली किश्त भी जारी कर दी गई है। शुकतीर्थ आसपास के इलाके में श्रद्धालुओं के बीच काफी प्रचलित है। यहां कथा सुनने से लेकर वटवृक्ष दर्शन और मोक्षदायिनी मां गंगा स्नान के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
इस पर अधिक जानकारी देते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि हमारा प्रयास है कि उत्तर प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनियाभर में पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बने, जब लोग भ्रमण की योजना बनाएं तो उनकी प्राथमिकता में पहला नाम उत्तर प्रदेश का हो। यह संभव भी है क्योंकि हमारे राज्य को ईश्वर और प्रगति की कृपा प्राप्त है। हमारे यहां भगवान शिव की नगरी काशी, मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या और भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा, शुकतीर्थ जैसे अनेक पावन धाम हैं। यहां धार्मिक, ऐतिहासिक पर्यटन के साथ-साथ ईको व एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास कर रही है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सरकार पर्यटन स्थलों और पर्यटन सुविधाओं का प्राथमिकता के आधार पर विकास कर रही है। 16 फरवरी को ईको पर्यटन की 10 परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया गया है। विकास के इसी क्रम में प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में गंगा तट पर स्थित शुकतीर्थ में पर्यटक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर (टीएफसी) और पार्किंग के लिए लगभग 21.25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि में बस व कार पार्किंग, डॉरमैट्री, यात्री हाल, पानी की सप्लाई, रसोई घर, आंतरिक व बाहरी लिफ्ट, एसटीपी, चहारदिवारी, हॉल सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे। इससे दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन के साथ ही ठहरने व भ्रमण की भी उत्तम सुविधा मिलेंगी।