राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर बौद्धिक प्रमुख रमेश ने कहा कि मकर संक्रांति सामाजिक समरसता का पर्व है।

 

मोहम्मद इसराईल शाह संवाददाता- आदर्श उजाला (गैड़ास बुजुर्ग)

जिस प्रकार गुड़ स्वयं को अग्नि पर तपाकर व गला कर बिखरे हुए तिल के दानों को अपने साथ जोड़ लेता है और एक स्वादिष्ट व्यंजन का निर्माण करता है, ठीक उसी प्रकार हमें भी गुड़ की भूमिका निभानी है और स्वयं को तपाकर अपने संपूर्ण हिंदू समाज को एकता के सूत्र में पिरोना है। रमेश बुद्ध उतरौला स्थित माधव संघ भवन में आयोजित मकर संक्रांति उत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उपस्थित लोगों के बीच खिचड़ी वितरित की गई। जिला संघचालक बलरामपुर अभिमन्यु(भूत पूर्व फौजी) ने बताया कि इस दिन संघ अपने अपने शाखा क्षेत्र की सेवा बस्तियों में जाकर सामाजिक समरसता के कार्यक्रमों का आयोजन करता है। सह नगर कार्यवाह आलोक ने कहा कि जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है और दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर प्रस्थान करता है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर तथा अशुभ से शुभ की ओर का संकेत है। कहा कि एक खगोलीय घटना पर आधारित यह पर्व देश के प्रत्येक भाग में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है।
इस दौरान राष्ट्र कल्याण यज्ञ का आयोजन भी किया गया। जिला संघचालक बलरामपुर अभिमन्यु (भूत पूर्व फौजी), नगर संघ चालक हर्ष वर्धन, नगर कार्यवाह राजेश, जिला शारीरिक प्रमुख आदित्य, सह जिला पर्यावरण प्रमुख रामनरेश,नगर पर्यावरण प्रमुख सुरेश, प्रदीप, अभिषेक, दीपक, विश्वनाथ, सुसील,केसरी, राम नाथ, बब्लू,संजय समेत अन्य स्वयं सेवक मौजूद रहे।

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