फर्जी डिग्री के नाम पर गैर पंजीकृत शिफा अस्पताल चल रहा था मुकदमा हुआ पंजीकृत 

 

संवाददाता मोहम्मद इसराईल शाह

गैडास बुजुर्ग-उतरौला,थाना गैड़ास बुजुर्ग क्षेत्र के ग्राम नन्दौरी निवासी
कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य कई आला अधिकारियों को पत्र भेजकर थाना उतरौला के सुभाष नगर निवासी रजनी केपी तथा लेखा केपी पत्नी पर मुकदमा पंजीकृत किए जाने की मांग की है। कृष्ण कुमार ने बताया कि ये दोनो आपस में सगी बहन है। तथा दोनों साथ मिलकर डुमरियागंज रोड पर छिपिया गांव में पिछले कई वर्षों से फर्जी डिग्री पर गैर पंजीकृत शिफा नाम का अस्पाताल संचालित कर रही थी। इस अस्पताल में इलाज दौरान इलाज एक बच्चे की मृत्यु हो गयी जिसमें रजनी केपी के विरूद्ध उतरौला थाना में मुकदमा पंजीकृत हुआ। पुलिस ने उक्त मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रजनी लगभग एक वर्ष तक जेल में बन्द रही। इस दौरान उसकी बहन लेखा केपी ने प्रार्थी के पास फोन कर कहा कि रूपये के अभाव में मुकदमें की पैरवी नही हो पा रही है। रजनी अपना उतरौला का मकान/अस्पताल बेचना चाहती है ।अगर आपको लेना हो तो जेल मे उसकी बहन से मुलाकात कर ले। प्रार्थी विपक्षी से जेल में मुलाकात की। जहाँ रजनी ने कहा मुझे रूपयों की सख्त जरूरत है इसलिए मैं अपना मकान/अस्पताल 50 लाख रूपये में बेचना चाहती हूँ । रजनी ने पीड़ित से कहा कि मुझे 10 लाख रूपया दे दीजिये जेल से छूटकर आपको बैनामा कर दूगी तथा इसके बावत आप कोई लिखा-पढ़ी चाहते हो तो मैं तैयार हूँ बाकी बात आप मेरी बहन से कर लीजिए।तथा पैसा उसी को दे दीजिये क्योकि मुकदमे की पैरवी वही करती है। रजनी के कहने पर प्रार्थी ने रजनी की बहन लेखा को पाँच लाख रूपये नगद दिया जिसकी वीडियो रिकार्डिंग रूपया देते हुए मौजूद है। तथा पाँच लाख रूपया लेखा ने अपने खाते में एवं एक सहयोगी के खाते में डलवाया। पैसा डालवाने के उपरान्त लेखा प्रार्थी को लेकर रजनी से जेल मुलाकात कराने ले गयी। जहाँ प्रार्थी ने रजनी को बताया कि आपके कहने पर 10 लाख रूपया लेखा को दे दिया है। जिस पर रजनी ने कहा कि ठीक है अब और पैसा मत दीजियेगा मैं जमानत होने के उपरान्त अपना मकान/अस्पताल का बैनामा लिख दूंगी। तथा मकान की चाभी मेरी बहन के साथ जाकर कैशराम से लेकर मकान अपने कब्जे में ले लीजिये। कैशराम से चाभी दिलाकर मकान पर काबिज करा दिया। प्रार्थी ने मकान पर अपना ताला लगाकर अपने कब्जे में ले लिया। 18 जुलाई को जब रजनी जमानत पर बाहर आ गयी तब प्रार्थी ने मकान का बैनामा करने के लिए कहा। तो रजनी ने कहाकि मकान का मुझे ज्यादा पैसा मिल रहा है और अब मकान मै आपको नही दूंगी। आपका पैसा तीन महीने के अन्दर वापस कर दूंगी। प्रार्थी इस पर भी तैयार हो गया तीन माह पूरा होने के उपरान्त भी पैसा नही मिला। वह समय का मांग करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर के पहले आपको पैसा वापस कर दूंगी ।जिसकी रिकार्डिंग भी मौजूद है। दिनांक 21 अक्टूबर को समय करीब 11 बजे दिन में सूचना मिली कि विपक्षी रज्जब व कुछ अज्ञात लोगो के साथ मकान का ताला तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास कर रही है। मौके पहुंचने पर सब लोग भाग गए। तंय शर्तों का पालन न कर कुछ दबंग व अराजकतत्वों से मिलकर मकान पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है। विपक्षियों ने पीड़ित से धोखा व छल कर उसके मेरे रूपये को हड़प लिया है।

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