जिला विशेष संवाददाता ज्ञान प्रकाश पाठक पीलीभीत
आरआरसी सेंटर मे घटिया निर्माण की अफसर कर रहे हैं अनदेखी,
मानको को अनदेखा कर निर्माण कार्य करने बाले ठेकेदार को मिली खुली छुट
पूरनपुर,पीलीभीत।गांव सिमरिया अजीतपुर बिल्हा में ओडीएफ के तहत ठेकेदार के माध्यम से आरआरसी सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है।जिसमें गांव के लोगों ने ठेकेदार पर घटिया सामग्री लगाने का आरोप लगाया था।लोगों का कहना है कि इस बावत विभाग के अधिकारियों को भी शिकायत की है,लेकिन अभी तक घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है।अधिकारी ने आरआरसी सेंटर की जांच करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।निर्माण कार्यों में की जा रही धांधली की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से ऐसे लोगों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं।ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है।अधिकारियो द्रारा कार्य पूर्ण करवाकर वाह वाही लूटने की होड़ मची हुई है।निर्माण में सफ़ेद बालू के साथ साथ घटिया ईट व पुरानी ईट और घटिया सीमेंट का प्रयोग हो रहा है।पूरनपुर विकासखंड भ्रष्टाचारी ठेकेदारों का गढ़ बन चुका है।अधिकांश ग्राम पंचायत में ठेकेदारों द्वारा काम कराया जा रहा है। गांव में काम करने वाले ठेकेदार जमकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदारों की पकड़ अधिकारियों तक होने के चलते शिकायत होने के बावजूद कारवाई नहीं होती है।ग्राम पंचायत के अधिकारियों सचिव के संरक्षण वाले ठेकेदार सरकार की धनराशि को ऐसे डकार रहे हैं।जैसे उसका निजी पैेसा हो।ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत सिमरिया तालुके अजीतपुर बिल्हा से सामने आया है।जिस ग्राम पंचायत में आरआरसी सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका ठेका अधिकारियों की मिली भगत से ठेकेदार को दिया गया है।ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा आरआरसी केंद्र के निर्माण में घटिया किस्म की सामग्री लगाकर निर्माण कराया जा रहा है। आरआरसी सेंटर के निर्माण में पुरानी ईंटों और कम सीमेंट लगाया जा रहा है।जिसके शिकायत संबंधित विभाग के अधिकारियों से की गई शिकायत होने के बाद कोई भी अधिकारी आरआरसी सेंटर का मौके पर मुआयना करने तक को नहीं पहुंचा। खबरें प्रकाशित होने के बाद भी अधिकारियों ने सिमरिया अजीतपुर बिल्हा गांव मे पंहुच कर आरआरसी सेंटर के निर्माण कार्य को देखने की भी जहमत नही उठाई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कि ठेकेदार के उच्च अधिकारियों से कितने मधुर संबंध है। मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच हुई तो ठेकेदार सहित सचिव पर हो सकती है कार्रवाई।