चिकित्सा केन्द्रों पर आयुष्मान वार्ड बनाये जाएं, डाॅक्टरों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया नवम्बर के तीसरे सप्ताह से शुरू करें: जिलाधिकारी

 

बाराबंकीः 25 अक्टूबर। जिलाधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि जनपद के समस्त अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयुष्मान वार्ड तैयार किया जाए, यह वार्ड इस प्रकार तैयार किया जाए कि अन्य वार्डो से अधिक सुन्दर, सुसज्जित एवं आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से युक्त हो। उन्होंने कहा कि इस वार्ड में अच्छी एवं बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित चिकित्सकों द्वारा थोड़े प्रयास से ही जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान योजना से आच्छादित गरीब लोगों को और अधिक स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है।
जिलाधिकारी आज कलेक्ट्रेट स्थित लोक सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती एकता सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ अवधेश कुमार यादव सहित समस्त सम्बन्धित अधिकारी एवं चिकित्सक आदि उपस्थित रहे। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद के समस्त अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में सामान्य डाॅक्टरों के जो भी पद रिक्त चल रहे हैं, उन पर नवम्बर 2023 के तीसरे सप्ताह तक वाॅक इन इन्टरव्यू के माध्यम से नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए। उन्होंने कहा कि हम सभी का अपने सीमित संसाधनों में प्रयास होना चाहिए कि अधिक से अधिक अच्छी तथा स्तरीय चिकित्सा सुविधा जनपदवासियों को प्राप्त करायी जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि नवम्बर के तीसरे सप्ताह में रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया के उपरान्त रिक्त पदों पर प्रत्येक माह की 10 तारीख को सामान्य डाॅक्टरों के वाॅक इन इन्टरव्यू की नियमित तिथि घोषित कर दी जाए और जितनी जल्दी सम्भव हो, इन पदों को भर लिया जाए। जिलाधिकारी ने आयुष्मान योजना में कार्यरत एक कोआरडीनेटर को भी तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त करने के निर्देश दिए और कहा कि इस योजना की महत्ता को किसी भी प्रकार से कम नहीं होने दिया जाएगा और इसके क्रियान्वयन में सभी सम्बन्धित लोगों को अपने कार्यो को पूरी निष्ठा के साथ सम्पन्न करना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि आयुष्मान योजना के अन्तर्गत यदि प्रयास किया जाएं तो जनपद के समस्त अस्पताल निजी अस्पतालों से बेहतर कार्य करने लगेंगे और दिखने में भी निजी अस्पतालों को मात दे देंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग अपने बजट का उपयुक्त प्रयोग करें। कमरों में सीलन, गन्दगी, टूटा फर्नीचर और अन्य उपकरण यदि अद्योमानक नहीं हैं तो रोगी के मन में चिकित्सालय के प्रति अच्छा भाव नहीं आता है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत सभी अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एटीएम जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने में सक्षम हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगली जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक से पहले समस्त चिकित्सा केन्द्रों की ओर से अपनी-अपनी चिकित्सकीय आवश्यकताओं की सूची एवं आख्या उपलब्ध करायी जाए तथा इसके दृष्टिगत मन्तव्य यह होना चाहिए कि चिकित्सा केन्द्र साफ सफाई बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र यदि स्वयं सफाई आदि के कार्यो में पीछे पाए जाते हैं तो इसका संदेश अच्छा नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का सबसे अधिक और ईमानदार अनुपालन चिकित्सा केन्द्रों पर दिखना चाहिए।
जिलाधिकारी ने अस्पतालों एवं समस्त चिकित्सा केन्द्रों पर पर्चा बनवाने का काउन्टर एकदम पृथक होना चाहिए, प्रत्येक चिकित्सा केन्द्र में इसके लिए व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पार्किंग पर आने वाली समस्याओं के समाधान की भी आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *