सड़क का अधूरा निर्माण कार्य छोड़कर ठेकेदार फरार, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
निर्माण के लिए 63.83 लाख रुपए का जारी हुआ था बजट
पूरनपुर-कलीनगर मार्ग से गांव खाता होते हुए अमरैयाकलां तक 2.30 किलोमीटर सड़क की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को करीब 63.83 लाख रुपए का बजट जारी हुआ था। सड़क बनने का कार्य मार्च महीने में शुरू हुआ था, जो उसी महीने 31 मार्च तक पूर्ण होना था, जो लापरवाही के चलते पूर्ण नहीं हो सका। सड़क पर फैले पड़े पत्थर अब लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। तहसील पूरनपुर क्षेत्र के पिछले वित्तीय वर्ष में पूरनपुर-कलीनगर मार्ग से गांव खाता होते हुए अमरैयाकलां तक करीब 2.30 किलोमीटर लंबी सड़क विशेष मरम्मत के लिए मंजूर की गई थी। इसके लिए करीब 63.83 लाख रुपए का बजट जारी होने के बाद टेंडर निकाला गया था। टेंडर निकलने के बाद संबंधित ठेकेदार द्वारा इसका काम भी शुरू करा दिया गया था। जो कोलतार डालकर जल्दबाजी में अधूरा मार्ग बनाया गया था। वह भी डेढ़ महीने में उखड़ने लगा है। मरम्मत के लिए सड़क पर जगह-जगह पत्थर आदि सामान डाल दिया गया। इसके बाद आधी अधूरी सड़क को बनाने के बाद ठेकेदार गांव से लापता हो गया। जबकि अधिकारियों द्वारा 31 मार्च तक सड़क का निर्माण पूरा कराने के निर्देश थे। अधिकारियों के निर्देशों के बाद भी अब तक आधी-अधूरी छोड़ी गई सड़क पर काम शुरू नहीं हो सका है। अधूरा निर्माण होने से एवं सड़क पर फैले पड़े बड़े पत्थर लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। खासतौर से छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों तथा दो पहिया वाहनों के लिए पत्थर आए दिन हादसे का कारण भी बन गए हैं। ठेकेदार की घोर मनमानी के लेकर ग्रामीणों में अब आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इधर गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर अधूरे पड़े मार्ग को पूरा कराने एवं ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
पूरनपुर-कलीनगर मार्ग से गांव खाता होते हुए अमरैयाकलां तक 2.30 किलोमीटर सड़क की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को करीब 63.83 लाख रुपए का बजट जारी हुआ था। सड़क बनने का कार्य मार्च महीने में शुरू हुआ था, जो उसी महीने 31 मार्च तक पूर्ण होना था, जो लापरवाही के चलते पूर्ण नहीं हो सका। सड़क पर फैले पड़े पत्थर अब लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। तहसील पूरनपुर क्षेत्र के पिछले वित्तीय वर्ष में पूरनपुर-कलीनगर मार्ग से गांव खाता होते हुए अमरैयाकलां तक करीब 2.30 किलोमीटर लंबी सड़क विशेष मरम्मत के लिए मंजूर की गई थी। इसके लिए करीब 63.83 लाख रुपए का बजट जारी होने के बाद टेंडर निकाला गया था। टेंडर निकलने के बाद संबंधित ठेकेदार द्वारा इसका काम भी शुरू करा दिया गया था। जो कोलतार डालकर जल्दबाजी में अधूरा मार्ग बनाया गया था। वह भी डेढ़ महीने में उखड़ने लगा है। मरम्मत के लिए सड़क पर जगह-जगह पत्थर आदि सामान डाल दिया गया। इसके बाद आधी अधूरी सड़क को बनाने के बाद ठेकेदार गांव से लापता हो गया। जबकि अधिकारियों द्वारा 31 मार्च तक सड़क का निर्माण पूरा कराने के निर्देश थे। अधिकारियों के निर्देशों के बाद भी अब तक आधी-अधूरी छोड़ी गई सड़क पर काम शुरू नहीं हो सका है। अधूरा निर्माण होने से एवं सड़क पर फैले पड़े बड़े पत्थर लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। खासतौर से छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों तथा दो पहिया वाहनों के लिए पत्थर आए दिन हादसे का कारण भी बन गए हैं। ठेकेदार की घोर मनमानी के लेकर ग्रामीणों में अब आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इधर गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर अधूरे पड़े मार्ग को पूरा कराने एवं ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।