अमरिया, पीलीभीत में मनरेगा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार
अमरिया, पीलीभीत: पीलीभीत जिले के अमरिया ब्लॉक की हसन नगर ग्राम पंचायत में चल रहे मनरेगा के काम में भ्रष्टाचार का एक और बड़ा मामला सामने आया है। पंचायत भवन के निर्माण कार्य में रोजगार सेवक बृजनंदन कुमार ने फिर से फर्जीवाड़े का सहारा लिया है। सूत्रों के अनुसार, यह काम कई बार रुकने के बाद 26 अगस्त, 2025 को फिर से शुरू हुआ, और रोजगार सेवक ने अपनी पुरानी आदत को दोहराते हुए एक ही काम के लिए तीन अलग-अलग मास्टर रोल बनाकर सरकारी धन की हेराफेरी की।
इस बार मास्टर रोल संख्या 4283, 4284 और 4285 में मजदूरों के नाम अलग-अलग दर्ज किए गए।
* मास्टर रोल 4283: बेलावती, पवन कुमार, प्रेम शंकर, राम प्रसाद, सावित्री देवी, धर्मेंद्र कुमार, ममता देवी, विजय कुमार, उमा चरण, सर्वेश कुमार सरोज।
* मास्टर रोल 4284: नारायण लाल, गुड्डू, हेमराज, आनंद प्रकाश, हीरालाल, लालबहादुर, विनोद कुमार, पप्पू, रमेश, रूप देही।
* मास्टर रोल 4285: गंगा प्रसाद, भवानी शंकर, महेश कुमार, कंधी लाल, प्रेम प्रकाश।
हालांकि, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) पर जो तस्वीरें अपलोड की गई हैं, उनमें एक ही समूह के मजदूर बार-बार दिख रहे हैं, जबकि मास्टर रोल में उनके नाम हर बार बदले गए हैं। यह साफ दर्शाता है कि रोजगार सेवक ने एक ही दिन के काम के लिए कई बार हाजिरी लगाकर सरकारी पैसों का दुरुपयोग किया है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब बृजनंदन कुमार ने इस तरह का फर्जीवाड़ा किया हो। इससे पहले 31 मई, 2025 को भी इसी कार्य में मास्टर रोल संख्या 1433 और 1434 में मजदूरों के नाम अलग-अलग होने के बावजूद एनएमएमएस पर एक ही मजदूरों की तस्वीरें अपलोड की गई थीं। उस दिन मास्टर रोल 1433 में हीरा काली, ईश्वरी प्रसाद, बेलावती सावित्री देवी, खुशबू, नारायण लाल, मदन लाल, भगेला देवी, हेमराज, खेमा नंद के नाम थे, जबकि मास्टर रोल 1434 में रेखा देवी, कलावती, मोहन लाल, कांतिनदेवी, ख़ेम कारण, रामपाल, रूप देसी, गायत्री, महेश कुमार, रेखा के नाम थे। लेकिन दोनों मास्टर रोल में एक ही महिला और पुरुष मजदूरों की तस्वीरें लगाई गईं। रोजगार सेवक ने अपने पैसे कमाने के लालच को पूरा करते हुए मास्टर रोल 1433 के मजदूरों को ही मास्टर रोल 1434 में दिखाया।
इस तरह का भ्रष्टाचार अमरिया ब्लॉक में बड़े पैमाने पर हो रहा है, और ऐसा लगता है कि जिम्मेदार अधिकारी इस पर आंखें मूंदे हुए हैं। इस मिलीभगत के कारण ही रोजगार सेवक का हौसला बढ़ता जा रहा है। यह मनरेगा अधिनियम (MGNREGA Act) का सीधा उल्लंघन है, जिससे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है बल्कि जरूरतमंद मजदूरों को भी उनका हक नहीं मिल पा रहा है।
हम जिला प्रशासन से इस गंभीर मामले का संज्ञान लेने और रोजगार सेवक बृजनंदन कुमार के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग करते हैं। इस पूरे मामले की गहन जांच होनी चाहिए ताकि अन्य दोषी अधिकारियों की भी पहचान हो सके और भविष्य में इस तरह के भ्रष्टाचार को रोका जा सके।