जान मोहम्मद व्योरोचीफ आर्दश उजाला जिला बलरामपुर जनपद बलरामपुर के विकासखण्ड रेहरा बाजार के ग्राम सभा सोमरहा में हुआ बड़ा खेल,हाईकोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाकर ग्राम निधि से निकाले गए सात लाख इकतीस हजार रुपए
रेहरा बाजार- ‘सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास’,ना गुंडा राज ना भ्रष्टाचार जैसे मजबूत इरादे को लेकर काम कर रहे सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शशक्त शाशन काल में भ्रष्ट अधिकारियो को कोई भी ख़ौफ़ नही है।वह सरकार के मंसूबों को धूमिल कर सरकार के मजबूत इरादों में सेंध लगा रहे है।और भ्रष्टाचार कर मालामाल हो रहे है ऐसा ही एक वाकिया बलरामपुर जनपद के विकास खण्ड रेहरा बाजार के ग्रामसभा सोमरहा से जुड़ा हुआ है।जो आज कल सुर्खियों में है।
जानकारों की माने तो ग्राम पंचायत सोमरहा में बीते दिनों प्रधान राज किशोर यादव को राजनीतिक षडयंत्र के तहत गौकशी के मामले में फंसा दिया गया था जिस मामले में उनको जेल भी जाना पडा था।इसी का फायदा उठा कर विपक्षी विनय कुमार सिंह उर्फ विपिन सिंह ने ग्राम सभा के वार्ड मेंबरों की खुली बैठी करवा कर मेंबर सदस्य नीलम देवी पत्नी कौशल विश्वकर्मा को जिलाधिकारी की संस्तुति पर आनन-फानन में प्रधान नामित करवा दिया था।जिस आदेश को प्रधान राज किशोर यादव ने हाईकोर्ट में चुनौती थी परिणाम स्वरूप बीते पच्चीस जुलाई को हाईकोर्ट लखनऊ की बेंच ने उनको पुनः प्रधान बहाली का आदेश पारित कर दिया था।जिसकी कॉपी राज किशोर यादव द्वारा जिले के उच्च अधिकारियों व खण्ड विकास कार्यालय पर भी भेज दी गई थी।मगर हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर रविवार के दिन आदेश पारित होने के आठ दिन बाद तीन अगस्त को मेंबर सदस्य नीलम देवी से साँझगांठ कर पंचायत सचिव द्वारा सात लाख इकतीस हजार रुपए की धनराशि का भुगतान किया जाता है जो आज कल चर्चा में है।इसकी हकीकत जानने के लिए जब प्रधान राज किशोर यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं वर्ष 2021 में ग्राम सभा सोमरहा से प्रधान पद पर निर्वाचित हुआ था।मेरा पर्चा गांव के विपिन सिंह व माता प्रसाद सिंह द्वारा मेरी सहमति पर भरा गया था।जब तक मैं जेल नहीं गया था तब तक विपिन सिंह मेरे साथ में रहकर अपने आप को प्रधान प्रतिनिधि बताते थे और ग्राम सभा का काम देखते थे।जिनसे बीते दिनों मेरी नोकझोंक हो गई थी इसी बात को लेकर उन्होंने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा और मेरे ऊपर मुकदमा पंजीकृत करवाने में अहम भूमिका निभाई।जिसको लेकर मुझे जेल जाना पड़ा मै 54 दिनों तक जेल में रहा।इसी बीच उन्होंने वार्ड मेंबरों व ब्लॉक मुख्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों से सांझगांठ बैठाकर एवं स्थानीय सफेद पोश नेताओं की सहपर गांव में खुली बैठक कर वार्ड मेंबर नीलम देवी को प्रधान निर्वाचित करवा दिया।मैने इसके सापेक्ष हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमें मुझे पच्चीस जुलाई को पुनः प्रधान बहाली का आदेश पारित हुआ।उसके बाद भी तीन अगस्त दिन रविवार को ग्राम निधि से सात लाख इकतीस हजार रुपए का भुगतान कर लिया गया है।मै जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से माँग करता हूं कि मामले की निष्पक्ष जाँच करे और जो भी दोषी हो उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करे।