सबसे पहले हिंदुस्तानी हूँ, अमन शांति चाहता हूँ : मौलाना तौक़ीर रजा खां

फिरकों में बंटे मुसलमानों को एक मंच पर लाने की कवायद

 

सबसे पहले हिंदुस्तानी हूँ, अमन शांति चाहता हूँ : मौलाना तौक़ीर रजा खां

 

अल्पसंख्यक कमजोर नहीं है, हमे अपने मुल्क से मोहब्बत हैं : मौलाना उबेद उल्लाह खां

 

 

 

फिरकोंमें बंटे मुसलमानों को एक करने के लिए बुधवार को नौजवानाने खण्डपिपरा की जानिब से एक दिवसीय अजीमुश्शान इत्तेहाद मिल्लत कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मौलाना तारिक अय्यूबी नदवी व संचालन मौलाना तौकीर नदवी ने किया। कांफ्रेंस में हर मकतबे फिक्र के उलमा ने शामिल होकर लोगों से आपस में इत्तेफाक व इत्तेहाद से रहने की अपील की। इस जलसे में विभिन्न फिरकों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी इस बात पर सहमत थे कि जब मुसलमान एक अल्लाह को मानता है और मोहम्मद साहब की इताअत करता है तो फिर इबादत की अलग अलग पद्धति को लेकर विभाजित क्यों हैं। सभी ने कहा कि आज मुसलमानों की इसलिए उपेक्षा हो रही है कि हमारा समाज बंटा हुआ है तथा हम एक दूसरे के धार्मिक मामलों में दखल देकर एक दूसरे की बुराइयां करते हैं। जलसे में कहा गया कि कोई मुसलमान किसी भी राजनीतिक दल में हो। जो मुसलमान अपनी कौम की उपेक्षा कर राजनीति करेगा उसे पछतावा जरूर होगा। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जमात इस्लामी हिंद उत्तर प्रदेश के सचिव मौलाना जुबेर मालिक फलाही ने कहा कि कुरान को मजबूती से पकड़ने का मतलब है कि उसमें जो मजमून हैं। अल्लाह ने जो वसीयतें और नसीहतें फरमाई हैं उस पर सच्चे दिल के साथ अमल किया जाय। आपके बिखरने की वजह सिर्फ और सिर्फ ये हैं कि आपने वह रस्सी छोड़ दी हैं। जिसको पकड़ने से आप खुद ब खुद मुत्तहिद हो जाएंगे। बरेली शरीफ से तशरीफ़ लाये मौलाना तौकीर रजा खा सादर आल इंडिया इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल बरेली ने कहा कि 25 वर्ष पूर्व हमने इत्तेहाद मिल्लत का काम शुरू किया था। लेकिन हमारी और हमारे ही दरमियान से मुखालफत शुरू हो गई। और कुछ लोगों को महसूस हुआ कि इस काम से उनकी दुकाने बंद हो जाएंगी। जो मशलक मशलक खेलने का काम करते हैं। उनको अपना वजूद खतरे में नज़र आने लगा। और मिल्लत में बिखराव शुरू कर दिया। ऐसे लोग हर मकतबे फिक्र में पाए जाते हैं। लेकिन उनकी तादात बहुत कम है। और ये वह लोग हैं जो उम्मत को आपस में लड़ाकर अपनी दुकान चलाना चाहिते हैं। हम अपने अक़ीदे पर कायम रहते हुए मिल्लत की हैसियत से आपस मे मुत्तहिद हैं। इत्तेहाद मिल्लत की जरूरत है तो उन उलमा को हैं जो अपने फायदे के लिए कौम में बिखराव पैदा करने की कोसिस कर रहे हैं। वही मौलाना उबेद उल्लाह खान आजमी पूर्व सांसद ने कहा कि हम अल्पसंख्यक जरूर है मगर कमजोर नहीं है। हमे अपने मुल्क से मोहब्बत हैं। हम अमन पसंद शहरी हैं। हम अपने मशलक पर रहते हुए मदरसों, मस्जिदों, खानकाहों, कब्रिस्तान, कुरान, नामूस रिसालत वगैरा मुश्तर्का मामलात में इत्तेहाद चाहिते हैं। इसलिए एक बनो नेक बनो। और मौलाना ने वक्फ संसोधन बिल पर तफसीली से बातचीत की। मौलाना यूसुफ हुसैनी नदवी ने कहा कि आप लोग मायूश मत हो। वह दिन दूर नहीं जब हम तस्बीह के दाने की तरह आपस मे मुत्तहिद होंगे। उनका एक ईमाम होगा जो नबी का गुलाम होगा। और आज इत्तेहाद का ये जो मंच नज़र आ रहा हैं। ये भविष्य के लिए खुश खबरी हैं। कि भविष्य इस्लाम का है। मौलाना सैय्यद जहीर अब्बास सीनियर नायब सदर शिया पर्सनल लॉ बोर्ड मुंबई ने कहा कि आगर आपको अपना हक लेना है तो मै अल्लाह का वास्ता देकर कहता हूं कि आप सब मुत्तहिद हो जाए। उसके अलावा जमीयत उलमा हिंद बाराबंकी के अध्यक्ष हकीम महमूद उल्लाह सिद्दीकी, मौलाना यूनुस हुसैनी नदवी, डॉ अनवर हुसैन खा, मौलाना कामिल नदवी, मौलाना अबुल कलाम सलफ़ी, मौलाना फैजान नदवी, डॉ तारिक अय्यूबी ने भी कांफ्रेंस को संबोधित किया। जबकि इमरान आलियाबादी, अजीम आलियाबादी व जुनैद आलियाबादी के अलावा हाफिज मुमताज ने बारगाहे रिसालत में नात शरीफ पेश की। अंत में मौलाना शब्बीर नदवी की दुआ पर कांफ्रेंस समाप्त हुई। इस मौके पर नोमान अशरफ नदवी लखनऊ, कारी मुदस्सिर, अम्मार राशिद, फैजान नदवी, आफताब नदवी, कामिल नदवी, इमरान नदवी, जैद नदवी, फैजान नदवी, फहद नदवी, मौलाना मुजाहिदुल इस्लाम नदवी, एहतिशाम नदवी, शेख अर्सलान, अख्तर नदवी, कारी हामिद उल्लाह सिद्दीकी व नौजवानाने खण्डपिपरा सहित क्षेत्र के हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे।

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