बीपैक्स के माध्यम से हर किसान अपने खेत में बीजों का उत्पादन कर सकेगा-जे0पी0एस0 राठौर

 

यू0पी0 कोआपरेटिव यूनियन (पी0सी0यू0) ने भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 संस्था के 10 लाख मूल्य के एक हजार शेयर लेकर उसकी सदस्यता ग्रहण की है। यू0पी0कोआपरेटिव यूनियन उ0प्र0 की शीर्ष संस्था है, जिसको इस संस्था का प्रथम शेयर प्रमाण पत्र-प्राप्त हुआ है। पी0सी0यू के प्रबन्ध निदेशक श्रीकान्त गोस्वामी ने संस्था से प्राप्त प्रथम शेयर प्रमाण-पत्र सहकारिता मंत्री को प्रदान किया।
प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जे0पी0एस0 राठौर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 प्रदेश की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को गति के साथ-साथ प्रदेश को बीजोत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और बीजांे के वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद करेगी और इसका सबसे बड़ा फायदा छोटे किसानों महिलाआंे और युवाओं को होगा। कहा कि भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने बहुराज्य सहकारी समितियां अधिनियम 2002 के तहत भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 को लान्च किया था। बीपैक्स के माध्यम से हर किसान अपने खेत में बीजों का उत्पादन कर सकेगा। केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय ने घरेलू उत्पादन के साथ-साथ प्रमाणित बीजो के निर्यात को बढावा देने के लिए एक नई सहकारी समिति लि0 की स्थापना की है। बीपैक्स ग्राम स्तरीय सहकारी समितियां है, जो राज्य स्तर पर राज्य सहकारी बैंको की अध्यक्षता वाली त्रिस्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अन्तिम कड़ी के रूप में काम करती है। राज्य स्तरीय सहकारी बैंक से ऋण जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को हस्तान्तरित किया जाता है। जो जिला स्तर पर संचालित होते है। जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक बीपैक्स के साथ काम करते है, जो सीधे किसानो के सम्पर्क में रहते है। व्यक्तिगत किसान पैक्स के सदस्य होते है और पदाधिकारी उनके भीतर से चुने जाते है। एक गांव में कई पैक्स हो सकते है। बीपैक्स किसानों को विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियो के लिए अल्पकालिक और मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करते है। वर्तमान में प्रदेश 7546 बी पैक्स है। वर्तमान प्रदेश में लगभग एक करोड कृषक सदस्यों लाभान्वित किया जा रहा है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि आने वाले दिनांे में भारत को बीज संरक्षण, संवर्धन और अनुसंधान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 का बहुत बड़ा योगदान रहेगा। भारत दुनियां के उन कुछ देशों में से एक है, जहां कृषि को व्यवस्थित रूप से पेश किया गया है और यही कारण है कि हमारे पारम्परिक बीज गुणवत्ता और शारीरिक पोषण के लिए सबसे उपयुक्त है। पारम्परिक भारतीय बीजांे को संरक्षित करके आने वाली पीढ़ियो तक पहुचांना है। ताकि स्वस्थ अनाज फल और सब्जियां का उत्पादन जारी रहे और यह काम भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 द्वारा किया जायेगा। विश्व में बीजों का निर्यात बहुत बड़ा बाजार है। इसमें भारत की हिस्सेदारी बढ रही है। भारत जैसे विशाल और कृषि प्रधान देश के लिए वैिश्वक बीज बाजार में बडी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित किया जायेगा। भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 कृषि, बागवानी, डेयरी, मत्स्य पालन सहित अन्य सभी प्रकार की सहकारी समितियांे कीतरह प्रारम्भिक ऋण समिति को भी बीज उत्पादन से जोडेगी। पैक्स के माध्यम से हर किसान अपने खेत में बीज का उत्पादन कर सकेगा, इन बीजो कों प्रमाणित किया जायेगा और बाद में भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 इन बीजो को पूरे देश में ही नही बल्कि पूरी दुनियां तक पहंुचाने में योगदान देगा, आज भारत में ही बीजांे की आवश्यकता लगभग 465 लाख कुंटल है, जिसमें से 165 लाख कुन्टल का उत्पादन सहकारी तंत्र के माध्यम से होता है, जिसमें सहकारी समितियों का योगदान 01 प्रतिशत से भी कम है। इस अनुपात को बदलने के लिए भारतीय बीज सहकारी समिति लि0 की स्थापना की गई है।

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