6 माह नहीं बीते गढ्ढे में तब्दील हो गई इंटरलॉकिंग

 

बाराबंकी /सिरौली गौसपुर अभी 6 माह नहीं बीते पूर्व में लगी इंटरलॉकिंग गड्ढे में तब्दील हो गई मामला ग्राम पंचायत मरकामऊ का है सूत्र बताते हैं कि जहां पर बिना जांच किए ही सचिव वीरेंद्र तिवारी ने इंटरलॉकिंग का पेमेंट कर दिया जबकि इंटरलॉकिंग गढ्ढे में तब्दील है प्राथमिक विद्यालय द्वितीय के बगल से लगाई गई इंटरलॉकिंग करीब करीब अभी 6 माह भी नहीं बीते होंगे लेकिन यह इंटरलॉकिंग बड़े-बड़े गड्ढे में तब्दील है इससे साफ पता चलता है कि इस इंटरलॉकिंग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया वही अपनी इसी तरह की कार्यशैली की वजह से आए दिन चर्चा का विषय बने वीरेंद्र तिवारी पर कोई ठोस कार्रवाई न होने की वजह से इनके कार्यों में कोई भी बदलाव नहीं देखने को मिलता मरकामऊ ग्राम पंचायत में यह इंटरलॉकिंग एक नमूना मात्र है जबकि अन्य कार्यों में भी बड़े पद पर भ्रष्टाचार की धांधली की गई हैं वही यह इंटरलॉकिंग साफ तरीके से बता रही है कहीं ना कहीं योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉयलेट नीति को पलीता लगाया गया है योगी आदित्यनाथ के सख्त रवैया के बाद भी इस तरह बेलगाम कर्मचारी अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं अगर सूत्रों की माने तो इस इंटरलॉकिंग कार्य में पीले ईट का प्रयोग करते हुए केवल सीसी ईंट लगा दी गई ना सीसी ईंट के नीचे कोई भी बजडी डाली गई ना ही अच्छे मसाले का प्रयोग किया गया जिसकी वजह से 6 माह में ही इंटरलॉकिंग बड़े-बड़े गड्ढे में तब्दील हो गई कार्यों के नाम पर खाना पूर्ति निकली गई भारी भरकम राशि अब देखने वाली बात ये है की सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के सख्त शासन के बीच इन भ्रष्ट सचिव पर क्या कार्रवाई होती है

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