इस पालिटेक्निक भवन में आने जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है। बरसात में कीचड़ से लवरेज कच्चे मार्ग पर पानी भर जाने से लोगों का पालिटेक्निक पहुंचना लोहे का चना चबाना है। क्षेत्र की जनता ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि हमारे बच्चे बाहर जिलों में प्रवेश के लिए जाते हैं जहां धन समय सब कुछ बर्बाद हो जा रहा है अगर क्षेत्र में पॉलिटेक्निक चालू हो जाए तो गरीबों का भला हो जाए पॉलिटेक्निक लगभग 15 साल से बंद पड़ा है जहां रंगाई पुताई सफाई सब कुछ हाथी के दांत साबित हो रहे हैं इसमें शासन ने किसी कर्मचारी व अध्यापकों व प्रधानाचार्य की तैनाती नहीं हुई है। अधूरे पड़े भवन का निर्माण पूरा न होने से भवन का हस्तांतरण विभाग को नही हो पा रहा है।
दूसरी परियोजना
विकास खण्ड श्रीदत्तगंज क्षेत्र के ग्राम तेन्दुई जिगना व विकास खण्ड उतरौला क्षेत्र के ग्राम महमूद नगर ग्रिन्ट में मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्लान के तहत आईटीआई का निर्माण अल्प संख्यक कल्याण मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश वक्फ विकास निगम लिमिटेड को सौंपा गया था। उसके बाद 20 जनवरी 2014 को इसका शिलान्यास किया गया था। उसके आठ वर्ष व्यतीत होने के बाद भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। भवन निर्माण अधूरा होने से इसका हस्तांतरण विभाग को नही हो सका। भवन हस्तांतरण न होने से आईटीआई कालेज में छात्र तकनीकी शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं।
तीसरी परियोजना
प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत 2014 में पौने चार करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महदेइया बाजार में भवन निर्माण की मंजूरी दी थी। उसके बाद एक करोड़ बयासी लाख रुपए शासन ने निर्माणदाई संस्था को निर्गत कर दिया। संस्था ने भवन का काफी हिस्सा का निर्माण कराया लेकिन दूसरी किश्त न मिलने से भवन पर छत नहीं पड़ सकीं और भवन निर्माण आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। भवन निर्माण पूरा न होने पर भवन खण्हर होता जा रहा है। भवन अधूरा रहने पर क्षेत्र के मरीजों को इलाज के लिए जिला अथवा मण्डल मुख्यालय के सरकारी अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता है। संवाददाता जान मोहम्मद जिला बलरामपुर