शिवगढ़,रायबरेली- एक तरफ जहां प्रदेश की योगी सरकार पौधा रोपण अभियान में करोड़ों रुपए खर्च कर वहीं दूसरी तरफ वन माफिया सरकार के मंसूबे में पानी फेरते नजर आ रहा है, लगातार वन माफियाओं द्वारा हरे फल फूल जामुन,आम के पेड़ो को इलेक्ट्रॉनिक आरेसे काटते रहें। इलेक्ट्रॉनिक आरे की आवाज को तो वन विभाग के किसी कर्मचारी ने सुना और ना स्थानीय पुलिस ने सुना। जिस तरह कई दिनों से दिन के उजाले में हरे भरे प्रतिबंधित पेड़ो पर इलेक्ट्रॉनिक आरा चलता रहा। मामला शिवगढ़ थाना क्षेत्र के पिण्डौली गांव है जहां कई फल फूल रहे जामुन के 04 पेड़ो पर वन माफियाओं ने इलैक्ट्रिक आरा से काट डाला। वहीं लक्ष्मनपुर गांव में जगदीशपुर नहरिया के पास दो विशाल आम के पेड़ों को वन माफियाओं ने काट डाला। बड़ी बात यह है कि वन विभाग व पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों के संज्ञान में मामला पहुंचता है तो थोड़ा-बहुत जुर्माना लगाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है। वन विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से वन माफियाओं के हौसले बुलंद होते रहे हैं।वही क्षेत्र के किसानों का कहना है कि जब जरूरत के लिए पेड़ों को हम लोग काटते है तो पुलिस वन विभाग की टीम आकर के पेड़ को काटने से रोक लगा देती है वही लकड़ी के ठेकेदार के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं करता है। इतना जरूर है कि अवैध कटान से पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है साथ ही राजस्व को भी चपत लगाई जा रही है। इस मामले वन क्षेत्राधिकारी नावेद सिद्दकी ने बताया की मामला संज्ञान में आया है उचित कार्यवाही की जायेगी।