10 अक्टूबर 2024 जिलाधिकारी श्री संजय कुमार सिंह ने गाॅधी सभागार में फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में समस्त नोडल अधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों, उप जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई

खबर जिला पीलीभीत से

10 अक्टूबर 2024 जिलाधिकारी श्री संजय कुमार सिंह ने गाॅधी सभागार में फसल अवशेष प्रबन्धन के सम्बन्ध में समस्त नोडल अधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों, उप जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। उप कृषि निदेशक, पीलीभीत द्वारा अवगत कराया गया कि फसल अवशेष पराली जलाने की घटनाओं की माॅनिटरिंग सैटेलाइट के माध्यम से दिनाॅक 15.09.2024 से दिनाॅक 30.11.2024 तक प्रतिदिन की जायेगी। पराली जलाने फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर 2 एकड़ तक के क्षेत्रफल 2500 रू0, 2 से 5 एकड़ क्षेत्रफल पर 5000 रू0 तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में पराली जलाने पर 15000 रू का अर्थदण्ड दोषी किसान से वसूला जायेगा एवं दोषी किसान का असलहा लाइसेंस को निरस्त करते हुए सुसंगत धाराओं में एफ आई आर दर्ज करायी जायेगी। दोषी पाये जाने वाले किसानों को विभिन्न विभागों की योजनाओं के लाभ से वंचित किया जायेगा। अपर जिलाधिकारी के द्वारा समस्त खण्ड विकास अधिकारियों, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि जनपद में स्थापित 58 गौशालाओं में पराली का प्रयोग चारे के रूप में कराया जाये। जिलाधिकारी महोदय द्वारा समस्त नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह प्रतिदिन अपने क्षेत्र का भ्रमण करते हुए फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगायेंगे। फसल अवशेष को जलाने से रोकने एवं प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, लेखपाल एवं कृषि विभाग के कर्मचारी एवं पुलिस विभाग के सम्बन्धित थानाध्यक्ष पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे एवं घटना पाये जाने पर सभी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। जिलाधिकारी महोदय द्वारा उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया गया कि फसल अवशेष प्रबन्धन की जागरूकता हेतु वाॅल राइटिंग, परमानेन्ट होल्डिंग जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय एवं विकास खण्ड मुख्यालय पर लगायेंगे तथा जागरूकता हेतु प्रचार सामग्री का वितरण भी कराना सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी महोदय द्वारा समस्त अधिशासी अभियन्ता नगर पालिका को निर्देशित किया गया कि वह अपनी नगर पालिका क्षेत्र में कूड़ा जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगायेंगे। जिलाधिकारी महोदय द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि जिन कृषक उत्पादक संगठन, सहकारी समितियों, औद्यानिक समितियों एवं कृषकों को विगत वर्षो में फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु जो कस्टम हायरिंग सेन्टर, फार्म मशीनरी बैंक एवं कृषि यन्त्र अनुदान पर वितरित किये गये है उनका पूर्ण उपयोग फसल अवशेष प्रबन्धन में किया जायेगा। यदि ऐसा नही किया जाता है एवं उनके क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने की घटनायें घटित होती है तो उनसे कृषि यंत्रो पर दिये गये अनुदान की वसूली की कार्यवाही की जायेगी।

ब्यूरो मोहम्मद तौसीर
आदर्श उजाला न्यूज़
पीलीभीत से

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