आदर्श उजाला संवाददाता मोहम्मद इसराईल शाह (गैड़ास बुजुर्ग)
उतरौला/बलरामपुर
मंगलवार शाम उतरौला के लालगंज में मशहूर कारोबारी के आवास पर डॉ इकबाल अहमद शाह, इंजीनियर अशफाक अहमद शाह, व्यापारी अफजाल अहमद शाह (बबलू) के तरफ रोज़ा इफ्तार कराया गया। जिसमे बड़ी तादात में रोजेदारों ने इफ्तार में शिरकत कर रोज़ा इफ्तार किया। रोज़ा इफ्तारी से पहले सभी रोजेदारों ने रब की बारगाह में हाथ उठाकर दुआ ए इफ्तार पढ़ा तीसों रोज़ा रखने, मुल्क में अमन चैन,व खुशहाली की दुआएं मांगी।
मगरिब की अजान सुनते ही सभी रोजेदारों ने एक साथ रोज़ा इफ्तार किया। अमन और औन समेत घर के तमाम लोगो ने रोज़ादरों की खिदमत में लगे रहे।
रोज़ा इफ्तार करवाने वालों की तरफ से रोजेदारों के रोज़ा इफ्तार करने के बाद नमाज अदा करने का खुसूसी इंतजाम किया गया था। अल जामियातुल गौसिया अरबी कॉलेज के मुफ्ती मसीहुद्दीन हशमती ने इमामत करते हुए मगरिब की नमाज़ अदा कराई।
मशहूर कारोबारी डॉ इकबाल अहमद शाह ने कहा कि रहमतों व बरकतों से भरपूर रमजान-उल-मुबारक का यह पाक महीना अपने दूसरे अशरे में चल रहा है। रोज़ा इफ्तार के करवाने से आपसी भाईचारा और मोहब्बत भी बढ़ता है। आपसी भाईचारा अल्लाह को बहुत पसंद हैं।
रोज़ा इफ्तार में मौजूद तमाम उलेमाओं ने कहा कि
जो शख्स रोज़ादार को इफ्तार कराता है अल्लाह तबारक व ताला उस शख्स को रोज़ेदार के बराबर सवाब अता करता है। उसकी रोजी बढ़ा दी जाती है। एक खजूर या एक गिलास पानी से भी इफ्तार कराने वाले को पूरे रोज़ा का सवाब मिलता है। किसी रोजेदार को पेट भरकर खिलाना जन्नत में दाखिल होने का जरिया है। उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लहोअलैहे व सल्लम ने फरमाया है कि जन्नत के दरवाजों में से एक दरवाजे का नाम रेयान है। उससे सिर्फ रोजदार ही जन्नत में जाएंगे। इसलिए मुसलमानों को रोजा रखना चाहिए। ताकि वे जन्नत के हकदार बन सकें। कारी बैतुल्लाह, कारी वसीम, कारी मैनुद्दीन, मौलाना अदहम, मौलाना रेहान रजा, मेराज अहमद शाह, रिजवान अहमद शाह, मोहम्मद फिरोज, हामिद अली, नब्बू, बब्बू, सैफ शाह, अकरमुद्दीन, गयासुद्दीन, आजम, शाहिद रज़ा समेत बड़ी तादाद में रोजेदार मौजूद रहे।