उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि राजधानी लखनऊ में आयोजित ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के तहत पशुधन विभाग में 2131.65 करोड़ रुपये की 532 निवेश परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। इन परियोजनाओं के मूर्तरूप लेने से 123167 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सेरेमनी में 1250 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के अधारशिला का लक्ष्य था, जिसके सापेक्ष 180 प्रतिशत अधिक सफलता प्राप्त हुई है।
धर्मपाल सिंह आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के अंतर्गत पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के निवेश परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 532 निवेशक परियोजनाओं में से अयोध्या मण्डल में सर्वाधिक 111 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है। क्षेत्रवार इन्वेस्ट यू0पी0 के अंतर्गत जेबीसी में पूर्वाचल में 229, मध्यांचल में 145, पश्चिमांचल में 114 तथा बुंदेलखण्ड में 44 निवेशकों द्वारा विशेष रूचि दिखाई गई है। उन्होंने बताया कि एनीमल हास्बेन्ड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड, पोल्ट्री सेक्टर तथा नेशनल लाईवस्टाक मिशन के क्षेत्र में निवेश किया गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश में ब्रीडिंग फार्म्स के प्रति निवेशकों द्वारा विशेष आकर्षण दिखाया गया है, जिससे प्रदेश में उन्नत नस्ल/प्रजाति के दुधारू पशु प्राप्त होंगे, इससे दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में तीव्र वृद्धि होगी और किसानांे एवं पशुपालकों की आय बढ़ेगी।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि डेयरी क्षेत्र में 10021.66 करोड़ रुपये की 253 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। परियोजनाओं के पूर्ण होने पर 25338 लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बरेली में सर्वाधिक 1002 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो ऐतिहासिक है। इसी प्रकार जनपद बागपत में 800 करोड़ का निवेश उल्लेखनीय उपलब्धि है। इनके अलावा जनपद में बाराबंकी में 600 करोड़ रुपये, हापुड़ में 502 करोड़ रुपये, मेरठ में 450 करोड़ रुपये, बुलंदशहर में 422.70 करोड़, कानपुर देहात में 410 करोड़ तथा शाहजहांपुर में 300 करोड़ का निवेश किया जा रहा है।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में प्रदेश की कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुई, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा। इसी का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में बड़ी सख्या में निवेश हो रहा है। प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाये जाने एवं आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में जीबीसी का महत्पूर्ण योगदान है। उन्होंने लक्ष्य से अधिक निवेश प्राप्त करने के लिए विभाग के अधिकारियों को प्रसंशा की और उन्हें प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, डा0 रजनीश दुबे ने कहा कि पशुधन मंत्री के मार्गदर्शन में दुग्ध उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन के क्षेत्र में विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम क्रियान्वित किये जा रहे हैं, जिससे किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ रही है। प्रदेश में पशुधन एवं डेयरी क्षेत्र में अपार नई संभावनाएं है, जिससे निवेशक आकर्षित हो रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2022 के तहत निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण प्राविधान किये गये हैं, जिससे डेयरी सेक्टर में अधिकाधिक लाभ सुनिश्चित किया जाना संभव हो रहा है और उसमें निहित व्यवसायिक लाभों की जानकारी किसानों और पशुलपालकों को भी मिल रही है।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव, देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव, अमर नाथ उपाध्याय, विशेष सचिव, राम सहाय यादव, दुग्ध आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक, आनंद कुमार, निदेशक पशुपालन सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।