मेदांता लखनऊ में उत्तर भारत की पहली वेरियन एज मशीन का हुआ शुभारंभ

मेदांता अस्पताल लखनऊ में उत्तर भारत की पहली वेरियन एज मशीन के साथ व्यापक कैंसर देखभाल कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

मेदांता अस्पताल यूपी में व्यापक कैंसर देखभाल और उपचार के नए मानक स्थापित करने में अग्रणी अस्पताल है
– मेदांता अस्पताल में सर्वोत्तम परिणामों के लिए सटीक विकिरण प्रौद्योगिकी का होता है उपयोग

– अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनसे सटीक और प्रभावी इलाज के साथ व्यक्तिगत देखभाल मिलती है

लखनऊ. गुरुवार को मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के अग्रणी हॉस्पिटल मेदांता अस्पताल के कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर केयर प्रोग्राम (व्यापक कैंसर देखभाल कार्यक्रम) का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में कैंसर उपचार और देखभाल के विश्वस्तरीय उपचार मानकों के अनुसार कैंसर रोगियों को सटीक उपचार प्रदान करना है।

इस कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही मेदांता अस्पताल अब उत्तर भारत का पहला अस्पताल बन गया है जहां कैंसर उपचार के लिए पहली वेरियन एज रेडिएशन मशीन स्थापित की गई है। यह मशीन कैंसर उपचार के बेहतर परिणामों के लिए सटीक विकिरण तकनीक की सुविधा प्रदान करती है। इस अत्याधुनिक कार्यक्रम मशीन के अलावा अनुभवी कैंसर डॉक्टरों की एक टीम और प्रतिष्ठित चिकित्सकों वाला एक ट्यूमर बोर्ड है जो कैंसर रोगियों के इलाज से पहले उनके रोग का आंकलन कर बेहतर से बेहतर इलाज प्रक्रिया की सिफारिश करता है। यह मशीन डॉक्टरों को कैंसर प्रभावित हिस्से के स्वस्थ ऊतकों पर न्यूनतम प्रभाव डालते हुए उच्च परिशुद्धता के साथ का रेडिएशन करने की सुविधा प्रदान करेगी।

मेदांता समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा, ” मेदांता अस्पताल।लखनऊ में व्यापक कैंसर देखभाल कार्यक्रम उत्तर प्रदेश और इसके आसपास के राज्यों के लोगों के लिए विश्व स्तर की उन्नत कैंसर उपचार की सुविधा प्रदान करेगा। वेरियन एज की विशेष तकनीक हमारे अनुभवी डॉक्टरों को सब-मिलीमीटर तक सटीक तरीके से रोगियों के को रेडिएशन थेरेपी देने की सुविधा देगा। मेदांता के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में मल्टी-सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों, आधुनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और उन्नत इमेजिंग और डायग्नोस्टिक उपकरणों की सुविधा उपलब्ध है, जो इसे भारत में उपलब्ध कैंसर इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ सुविधा बना देता है। मरीजों और उनके देखभाल करने वालों को अब सेकंड ओपिनियन या कैंसर उपचार के लिए लंबी दूरी की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी, उन्हें यह सुविधा लखनऊ में ही उपलब्ध होगी।

मेदांता अस्पताल, लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. राकेश कपूर ने कहा, “हाई एंड वेरियन एज रेडिएशन मशीन से लैस मेदांता के व्यापक कैंसर देखभाल कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित होगा। अपनी तरह की यह पहली मशीन शरीर के किसी भी हिस्से, किसी भी साइज और आकार के ट्यूमर का इलाज करने में मदद करेगी। जिन ट्यूमर तक पहुंचना या जिनका ऑपरेशन करना कठिन है, उनका इलाज होने से निश्चित रूप से बीमारी और इससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आएगी। अब हम उन्नत कैंसर उपचार देने और गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए चौबीसों घंटे विशेष देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित हैं। हमारा लक्ष्य व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करना है जो रोगियों को सर्वोत्तम संभव परिणाम और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करता है।”

इस सुविधा में विशेष डॉक्टरों की टीमें हैं जो विशिष्ट अंगों और कैंसर के प्रकारों का इलाज प्रदान करती हैं। इन डॉक्टरों में सर्जन, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, हेमाटो-ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजी नर्स शामिल हैं। वे प्रत्येक रोगी का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और सभी प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए नवीनतम शोध और सबूतों के आधार पर एक व्यक्तिगत उपचार योजना बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं।

यह सुविधा उत्तर प्रदेश में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के रोगियों के लिए आवश्यक संपूर्ण शारीरिक विकिरण की पेशकश करने वाली अपनी तरह की पहली सुविधा है। यहां दिए जाने वाले अन्य उन्नत उपचार में स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (एसआरएस), स्टीरियोटैक्टिक रेडियोथेरेपी (एसआरटी) और रैपिड आर्क (वॉल्यूमेट्रिक आर्क थेरेपी) शामिल हैं।

इस कार्यक्रम में मेदांता कैंसर इंस्टीट्यूट के प्रसिद्ध डॉक्टरों की भी उल्लेखनीय उपस्थिति रही, जिनमें डॉ. अमित अग्रवाल (निदेशक, एंडोक्राइन और ब्रेस्ट सर्जरी), डॉ. अंशुल गुप्ता (निदेशक, मेडिकल और हेमाटो-ऑन्कोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट), डॉ. आलोक गुप्ता (मेडिकल और हेमाटो ऑन्कोलॉजी के निदेशक और प्रमुख), डॉ. हर्षवर्द्धन अत्रेय (निदेशक, मेडिकल ऑन्कोलॉजी), डॉ. विवेकाननद सिंह (निदेशक, हेड और नेक ओन्को सर्जरी) और डॉ. केजे मारिया दास (एसो) शामिल थे। सीआईएटीई निदेशक, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) सहित अन्य शामिल थे।

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