मदरसा दारूल उलूम सरकारे आसी में मनाया गया अल्पसंख्यक अधिकार दिवस

जान मोहम्मद व्योरोचीफ आर्दश उजाला जिला बलरामपुर
मदरसा दारूल उलूम सरकारे आसी में मनाया गया अल्पसंख्यक अधिकार दिवस

सादुल्लाह नगर-मनकापुर मार्ग पर स्थित मदरसा दारूल उलूम सरकारे आसी में मंगलवार को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत मौर्य ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के संस्थापक सैयद मुहिब्बुल हक ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए माला और पुष्पगुच्छ भेंट कर किया।

तालीम से तरक्की की ओर

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सैयद मुहिब्बुल हक ने कहा कि समाज और देश में अपनी पहचान बनाने के लिए तालीम बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के कोई भी कौम प्रगति नहीं कर सकती। इस दौरान सैय्यद मुफ्ती मुशाहिद रजा ने भी बच्चों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए तालीम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षित होने से ही हम अपने अधिकारों और समाज में अपनी मजबूत पहचान बना सकते हैं।

सरकारी योजनाओं की जानकारी

मुख्य अतिथि यशवंत मौर्य ने अल्पसंख्यक वर्ग के लिए चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम, मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन, सीखो और कमाओ योजना, नई मंजूरी योजना और उस्ताद योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि इनसे अल्पसंख्यक अपने जीवन स्तर में सुधार कर सकते हैं।

संविधान के अधिकारों की जानकारी

कार्यक्रम का संचालन कर रहे अध्यापक खान मोहम्मद ने बच्चों को संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इन अनुच्छेदों के तहत अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा, धर्म और संस्कृति को बनाए रखने का अधिकार है।

प्रेरणादायक संदेश

संस्था के प्रधानाचार्य निजामुद्दीन ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि ईमानदारी और लगन से शिक्षा ग्रहण की जाए तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। मास्टर अकलीम हाशमी ने भी शिक्षा को अल्पसंख्यक वर्ग के लिए सफलता की कुंजी बताया।

अहमियत पर विचार-विमर्श

मास्टर मोहम्मद मोनिस हाशमी ने शिक्षा को अज्ञानता के अंधकार को दूर करने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षित होकर ही समाज को नई दिशा दी जा सकती है।

इस कार्यक्रम में संस्था के मौलाना असरार अहमद, सैय्यद फरहान रजा, सैय्यद इरफान रजा, हाफिज मोहम्मद अनवारूल हक, सैय्यद फैजान रजा, कारी मोहम्मद इरफान, शाकिर अली, मोहम्मद तैय्यब हाशमी, मौलाना मोहम्मद गुफरान, मौलाना रियाजउद्दीन, सैय्यद जफर, कमर अहमद सहित कई अभिभावक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

इस आयोजन ने बच्चों और अभिभावकों को शिक्षा के महत्व को समझाने और अल्पसंख्यक अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम किया।

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