महात्मा गांधी ने कहा था शिक्षा जगत के आधुनिक पैगंबर हैं सर सैयद

दिनांक 18,10,2024 आदर्श उजाला न्यूज़ मंडल हेड बरेली आमिर मलिक की रिपोर्ट पीलीभीत

आधी रोटी खायें अपने बच्चों को पढाये-डॉ.किदवई पीलीभीत में आयोजित किया गया सर सैयद डे पीलीभीत। केजीएमयू यूनिवर्सिटी के हड्डी रोग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ.शकील अहमद किदवई ने नारा दिया है कि आधी रोटी खायेंगे अपने बच्चों को पढायेंगे। उन्होंने यह भी अपील की है कि जो बच्चा आपके आसपास पढने में अच्छा हो, लेकिन अर्थाभाव का सामना कर रहा हो उसे पढाने के लिए उसकी मदद करें। डॉ.शकील अहमद किदवई गुरूवार की रात्रि स्थानीय सिटी पैलेस में अलीगढ ओल्ड बॉयज फोरम द्वारा आयोजित सर सैयद डे पर आयोजित मुख्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज भी सर सैयद उतने ही प्रासंगिक है, जितने अपने समय में थे। वह भारत के एक महान नेता, एक संत और अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक होने के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा के अलमबरदार थे। उन्होंने सांप्रदायिक सदभावना के प्रयास और धर्मनिरपेक्षता के सिद्वांत को अपने जीवन में उतारा था। डॉ.किदवई ने कहा कि सर सैयद जब कौम की बात करते थे तो उनका आशय हिन्दू और मुसलमान दोनों थे। वे हिन्दू और मुसलमान को हिन्दुस्तान की दो आंखों की संख्या देते थे। वे सच्चे मुस्लिम और सच्चे देशभक्त थे। वे कहते थे कि यदि एक आंख कमजोर होती है तो इस हिन्दुस्तानी दुल्हन की सुंदरता जाती रहेगी। यदि सर सैयद के विचारों पर अमल किया जाए तो निसंदेह महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध, विवेकानंद और गुरूनानक व चिश्ती की यह धरती स्वर्ग बन जाएगी।
डॉ.किदवई ने कहाकि जब उन्होंने मोहम्मडन एंग्लों ओरियंटल कॉलेज की स्थापना की तो उसका पहला ग्रेज्यूट महेश्वरी प्रसाद थे। उन्होंने अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए नाचा तक। वे सही अर्थो में आने वाली नस्लों के लिए शिक्षा के लिए समर्पित थे। वे कई बार जलील हुए लेकिन वे शिक्षा के मार्ग पर अडिग रहे। सर सैयद गौकशी के खिलाफ थे। उन्होंने कभी अपनी यूनिवर्सिटी में गौ मांस नहीं पकाने दिया। वे कहते थे यदि गौकशी न करने से हिन्दू मुस्लिम सदभावना बनती है तो कृपया हिन्दू भाईयों का सम्मान करें और यह गाय जिबह करने से हजार गुना बेहतर है। उन्होंने सर सैयद के सांप्रदायिक सदभाव की जानकारी देते हुए बताया कि जब उनके पोते की बिस्मिल्ला हुई तो उनके सबसे करीबी मित्र राजा जयकिशन दास की गोद में बैठाये गए। डॉ.किदवई ने इस बात पर चिंता जाहिर की देश की आबादी के 19 प्रतिशत मुसलमानों में स्नातकों की संख्या मात्र चार प्रतिशत है। आबादी के हिसाब मुसलमान शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में पीछे है। उन्होंने कहाकि हम देश की संपत्ति बने जिम्मेदारी नहीं। उन्होंने अपील की लोकतंत्र की मजबूती के लिए हम मतदान अवश्य करें और मतदान करते समय मुद्दों पर अपना मत दें।
समारोह में प्रख्यात गजल गायक संजीव पाराशरी की गजल संध्या का भी आयोजन किया गया। संचालन अखलाक हसन खां और आरिज अल्वी ने संयुक्त रूप से संचालन किया। इस अवसर पर एएमयू ओल्ड बॉयज फोरम के अध्यक्ष एम ए जिलानी, आरीज़ अल्वी, खालिदा अफ़ाक़, मोहम्मद राशिद, मतलूब अहमद, सलाहुद्दीन अख़लाक़ हसन खान, डॉक्टर कमाल खान, वसीम खान, डॉ. जावेद,शहज़ाद शमसी, इमरान खान, नासिर कमाल, आसिफ खान, इल्यास अहमद,यूनुस मालिक, मोहम्मद मेराज, मोहम्मद नदीम युसूफ एडवोकेट सहित सभी पुराने छात्र एकत्रित हुए।इनसेट हाशिम, सुल्तानजहां को मिला सर सैयद अवार्ड सर सैयद डे पर पहली बार एक मुशायरा भी आयोजित किया गया। इस मुशायरे में हाशिम रजा जलालपुरी, सुल्तान जहां पूरनपुरी को सर सैयद अवार्ड से नवाजा गया। इन दोनों शायरों को डॉ.किदवई ने एवार्ड से नवाजा।
इस मुशायरे का आगाज स्थानीय शायर मुजीब साहिल के कलाम से हुई। उन्होेने पढा-जिसको सींचा था कभी खून से सर सैयद ने, फल उसी बाग़ के खाते हैं अलीगढ़ वाले। एक अन्य स्थानीय शायर संजय पांडेय गौहर ने पढा कि-बना लिया था ये जिस्म बादल। मगर न बुझ पाई प्यास फिर भी ।। मिजाज़ बदला न हसरतों का।रहीं उमंगे उदास फिर भी ।। सुल्तान जहां पूरनपुरी ने पढा कि- इश्क करना या आशिकी करना, सब है बरबाद जिंदगी करना। प्यार करने से लाख बेहतर है, बेवफाओं पर शायरी करना।।
हाशिम रजा जलालपुरी ने पढा कि-सबके होंटों पे मुस्कुराहट हो। सबको फूलों की सेज दे मौला। आसमानों से क़तरा-ए-रहमत। सबके दामन में भेज दे मौला। पढा। इस मुशायरे का अलीगढ के पूर्व छात्रों ने भरपूर आनंद लिया। मुशायरे का संयोजन और निजामत डॉ.अमिताभ अग्निहोत्री ने की।
90ः से ऊपर अंक लाने वाले छात्र सम्मानित सर सैयद पर हाईस्कूल तथा इंटर में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले शगुन गंगवार, यथार्थ जैसवाल, मोहम्मद कैफ, सिदरा फातिमा, सानिया नूरी, हर्निया अफ़ज़ल, गुलबर्ग, अब्दुल खान, नौज़लिया अशरफ, उजैफा, सिदरा फातमा, मिज़ान अल्वी, बिलाल अहमद, अरीबा नवेद, लबिबा फातिमा शमसी, फज़ल अहमद, फाऊद अहमद को सम्मानित किया गया। इनके अलावा नीट मे सफलता पाने वाले छात्र भी सम्मानित किये गये इनमें इरफ़ान अली, मोहम्मद कामरान, अनमता अनीस, मोहम्मद हम्मद, मोहम्मद शारुख सिद्दीक़ी को सम्मानित किया गया।

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