परिषदीय विद्यालय में शिक्षक सुविधा शुल्क लेकर बच्चों को पढ़ा रहा कोचिंग

परिषदीय विद्यालय में शिक्षक सुविधा शुल्क लेकर बच्चों को पढ़ा रहा कोचिंग

विद्यालय में छुट्टी के बाद शिक्षक छात्राओं को पढाता है कोचिंग

कोचिंग पढ़ाने के तौर पर दौ सौ रुपये लेने का शिक्षक पर आरोप

आदर्श उजाला, ब्यूरो पीलीभीत

पूरनपुर,पीलीभीत।
सरकारी स्कूलों की बदहाली से हम अनजान नहीं हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की स्थिति से तो सब वाकिफ हैं, लेकिन उसके कारणों का बहुत कम लोगों को पता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि स्कूलों की इस बदहाली के लिए जिम्मेदार कौन लोग हैं।
दरअसल जिनकी पीठ पर इन स्कूलों और यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी दी गई है, वही शिक्षक छात्राओं को स्कूल में टाइम में बेहतर शिक्षा न देकर छुट्टी के बाद सरकारी स्कूल की बिल्डिंग में ही छात्राओं को ट्यूशन पढ़ाते हैं। सरकारी स्कूलों के ज्यादातर शिक्षकों का स्कूली पढ़ाई में ज्यादा ध्यान नहीं है। यही कारण है कि स्कूलों में पढ़ाई पिछड़ रही है और स्कूली बच्चों को ट्यूशन का सहारा लेना पड़ रहा है। ट्यूशन पर कड़ा प्रतिबंध होने के बावजूद सरकारी शिक्षक बेखौफ होकर स्कूल में छुट्टी होने के बाद स्कूल के कमरे में ही छात्राओं से सुविधा शुल्क लेकर ट्यूशन पढ़ा कर सरकारी आदेश की अवहेलना कर रहा है। स्कूल की छात्राओं ने शिक्षक पर छुट्टी टाइम के बाद सुविधा शुल्क लेकर कोचिंग पढ़ाने का आरोप लगाया है। पूरनपुर बीआरसी क्षेत्र के अंतर्गत गांव लालपुर में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात एक शिक्षक स्कूल की छुट्टी होने के बाद उसकी परिषदीय विद्यालय के कमरे में शिक्षक छात्राओं को ट्यूशन पढ़ाता है। आरोप है कि ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर शिक्षक छात्राओं से दौ सौ रुपये का सुविधा शुल्क भी लेता है। भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर से भी बड़ा दर्जा दिया गया है। ‘गुरुब्र्रह्मा, गुरुर्विष्णु … भारतीयों के लिए एक परम वाक्य की तरह है। वैदिक काल से ही विभिन्न ग्रंथ गुरु की महिमा से भरे पड़े है। वक्त बदला तो कुछ गुरु ‘गुरु ही हो गए। आर्थिक युग में मास्टर साहब भी अब पैसा कमाने में पीछे नहीं रहना चाहते। सरकार से मोटी तनख्वाह ले रहे कुछ अध्यापक शॉर्ट कट में मोटा पैसा कमाने के लिए स्कूल में छुट्टी टाइम के बाद छात्राओं को ट्यूशन पढ़ाने से भी गुरेज नहीं कर रहे। बेशर्मी के हालात यह हैं कि परिषदीय स्कूल में छुट्टी के बाद एक शिक्षक विद्यालय के कमरे में ही छात्राओं को ट्यूशन पढ़ाता है। छात्राओं ने शिक्षक पर दौ सौ लेकर ट्यूशन पढ़ने का आरोप लगाया है। छात्राओं ने बताया है कि उन्हें सर कोचिंग पढ़ाते है। और फीस के तौर पर उनसे दौ सौ रुपये लेते हैं। शिक्षा निदेशालय सख्त शिक्षा निदेशालय ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के ट्यूशन या कोचिंग में पढ़ाने पर पाबंदी लगा रखी है। सरकारी टीचर अगर किसी भी कोचिंग सेंटर पर पढ़ाते दिखाई दिए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। सवाल उठता है कि सरकारी अध्यापकों पर नजर रखने को बैठे अधिकारी या तो कुछ देख नहीं पा रहे हैं या जानबूझकर अनजान बने बैठे हैं।

इस सबंध में जब विद्यालय में तैनात शिक्षक कन्हैयालाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दौ सौ रुपये वाली बात नही है, में 80 किलोमीटर दूर से आता हूं इसलिए यहां ठहरा हु ,गांव के कुछ लोगों का कहना है कि हमारे बच्चो को पढ़ा दिया करो तो मैने कहा कि में स्कूल टाइम में नही पढ़ा सकता। शाम को पढ़ा सकता है। ट्यूशन पढ़ रहे सभी बच्चे हमारे स्कूल के नही है, सभी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चें है। कोचिंग के लिए कह रहे थे तो मैने कहा कि में स्कूल टाइम ने नही शाम को पढ़ा सकता हु। फीस के तौर पर दौ सौ रुपये लिये जाने की बात पूछने पर शिक्षक कोई संतोषजनक जबाब नही दे सका। और रुपये लिए जाने की बात को अनसुना कर दिया।

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